By अनुराग गुप्ता | Sep 17, 2020
नयी दिल्ली। भारत-चीन तनाव पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में कहा कि 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में हमारे 20 जवान शहीद हुए। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख में जाकर जवानों का हौसला बढ़ाया। उन्होंने आगे कहा कि बॉर्डर पर अगर तनाव जारी रहेगा तो द्विपक्षीय रिश्तों पर इसका सीधा असर आएगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारी सेना ने चीन को भारी नुकसान पहुंचाया। चीन की कथनी और करनी में फर्क है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि चीन ने केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख की करीब 38,000 स्क्वायर किलोमीटर की भूमि का अनधिकृत कब्जा किए हुए हैं। इसके अलावा 1963 तथाकथित ब्राउंडी एग्रीमेंट के तहत पाकिस्तान ने पाक अधिकृत कश्मीर की 5880 स्क्वायर किलोमीटर अवैध रूप से चीन को सौंप दी है। चीन अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगे हुए लगभग 90,000 स्क्वायर किलोमीटर भारतीय क्षेत्र को भी अपना ही बताता है।
भारत और चीन दोनों ने ही यह औपचारिक रूप से माना है कि सीमा का प्रश्न एक जटिल मुद्दा है। जिसके समाधान के लिए धैर्य की आवश्यकता है तथा इस मुद्दे का निष्पक्ष, उचित और परस्पर स्वीकार्य किए जाने वाला समाधान, शांतिपूर्ण बातचीत के द्वारा निकाला जाए। अंतरिम रूप से दोनों पक्षों ने यह मान लिया है कि सीमा पर शांति और स्थिरता बहाल रखना द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के लिए आवश्यक है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि कहा कि दोनों देशों के बीच समझ बनी थी कि LAC पर सेना कम से कम रखी जाएगी। विवाद होने पर बातचीत की जाएगी और किसी भी हालत में यथास्थिति का उल्लंघन नहीं किया जाएगा। दोनों देशों के बीच संघर्ष न पैदा हो, इसके लिए पारस्परिक समझ बनाने की कोशिश की गई है, लेकिन चीन ने इस कार्रवाई को आगे बढ़ाने में अपनी सहमति नहीं बनाई।