गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लेटलतीफी के शिकार अधिकारियों को लताड़ लगाते हुये उन्हें समय का पाबंद रहने की सख्त हिदायत दी है। सिविल सेवा दिवस के अवसर पर आज आयोजित समारोह में अधिकारियों के देर से पहुंचने पर सिंह ने नाराजगी जताते हुये इस प्रवृत्ति पर गंभीर चिंता जतायी। 11वें लोक सेवा दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि सिंह ने कहा कि लोक सेवकों का समारोह निर्धारित समय से 12 मिनट देरी से शुरू होना चिंता की बात है। इतना ही नहीं विलंब से समारोह शुरू होने के बाद भी अधिकारियों का आना जारी रहना गंभीर चिंता का विषय है।
सिंह ने कहा कि समारोह को सुबह 9 बजकर 45 मिनट पर शुरू होना था। मैं निर्धारित समय से पांच मिनट पहले पहुंच गया था, लेकिन समारोह 9 बजकर 57 मिनट पर शुरू हो सका। जबकि इस कार्यक्रम में भारतीय सिविल सेवा सहित अन्य सेवाओं के अधिकारियों को शिरकत करनी थी। ऐसे में कम से कम इस कार्यक्रम में समय की पाबंदी का पालन नितांत अपेक्षित है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में देरी के कुछ कारण जरूर रहे होंगे और हो सकता है कि ये कारण जायज भी हों लेकिन इसके बावजूद यह आत्मविश्लेषण जरूरी है कि आज के दिन ऐसा क्यों हुआ। सिंह ने देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल द्वारा सिविल सेवा को भारतीय राजव्यवस्था का स्टील का ढांचा बताये जाने का हवाला देते हुये पूछा कि हमें इस बात का गंभीरता से आत्मविश्लेषण करना चाहिये कि स्टील का यह ढांचा कमजोर तो नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि कम से कम सिविल सेवा दिवस के अवसर पर यह आत्मविश्लेषण जरूरी हो जाता है। साथ ही आज यह विश्लेषण भी जरूरी है कि आजादी के बाद शुरू हुये सिविल सेवा के इस सफर में अब तक क्या पाया और इसके आधार पर भविष्य में हमें क्या करना है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह, कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा, प्रधानमंत्री के अतिरिक्त प्रमुख सचिव पीके मिश्रा, कई मंत्रालयों के सचिव और विभाग प्रमुख भी मौजूद थे।