By अंकित सिंह | Sep 06, 2024
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को अपने पहले के बयान का जवाब दिया कि "सशस्त्र बलों को युद्ध के लिए तैयार रहने की जरूरत है"। रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्होंने वो बयान इसलिए दिया ताकि किसी भी हालत में भारत की शांति भंग न हो सके। भारत के 'वसुधैव कुटुंबकम' के संदेश पर प्रकाश डालते हुए सिंह ने कहा कि भारत ने हमेशा शांति की वकालत की है लेकिन आज की भू-राजनीतिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए भारत और दुनिया में शांति स्थापित करने के लिए भारत को हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहने की जरूरत है।
मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत दुनिया का एकमात्र देश है जिसने 'वसुधैव कुटुंबकम' का संदेश दिया है। भारत ने हमेशा शांति की वकालत की है और हमेशा करेगा। लेकिन आज भूराजनीतिक स्थिति को देखते हुए, मैंने कहा सेना से कहा कि भारत और विश्व में शांति बनाए रखने के लिए हमें हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए ताकि किसी भी परिस्थिति में भारत की शांति भंग न हो। अपने लखनऊ दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने शहर के खाटू श्याम मंदिर में पूजा-अर्चना भी की।
शीर्ष स्तरीय सैन्य नेतृत्व बैठक के दूसरे और अंतिम दिन लखनऊ में पहले संयुक्त कमांडर सम्मेलन में बोलते हुए, सिंह ने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने और 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए, तीनों सेनाओं के बीच संयुक्तता और एकीकरण को आगे बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। सम्मेलन की थीम, 'सशक्त और सुरक्षित भारत: सशस्त्र बलों में बदलाव' के अनुरूप, सिंह ने संयुक्त सैन्य दृष्टि विकसित करने और भविष्य में होने वाले युद्धों में देश के सामने आने वाली चुनौतियों के लिए तैयारी करने के महत्व पर जोर दिया, साथ ही उकसावों के लिए समन्वित, त्वरित और आनुपातिक प्रतिक्रिया पर जोर दिया।