By अनन्या मिश्रा | Oct 10, 2023
शेखावाटी के नवलगढ़ विधानसभा क्षेत्र का इतिहास काफी दिलचस्प रहा है। वैसे तो यह सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है। लेकिन निर्दलीयों और बागियों ने वक्त-बे-वक्त इस सीट पर कांग्रेस के लिए परेशानी जरूर खड़ी की है। बता दें कि आज तक के इतिहास में भाजपा इस सीट को एक बार भी नहीं जीत सकी है। नवलगढ़ विधानसभा क्षेत्र पर काफी लंबे समय तक कांग्रेस के कद्दावर नेता शीशराम ओला का प्रभाव कायम रहा है। लेकिन इस सीट से शीशराम ओला ने कभी भी चुनाव नहीं लड़ा। वहीं वर्तमान समय की बात करें तो इस सीट पर डॉ. राजकुमार शर्मा का वर्चस्व दिखाई पड़ता है।
सीट की खासियत
इस विधानसभा क्षेत्र से पहले विधायक ठाकुर भीम सिंह चुने गए थे। इस सीट से सबसे ज्यादा जीत का रिकॉर्ड भंवर सिंह शेखावत ने ही बनाया था। साल 1972 में शेखावत पहली बार विधायक बने। इसके बाद साल 1980 और 1993 में उन्होंने लगातार जीत हासिल की। लगातार तीन बार जीत का पहला रिकॉर्ड भी शेखावत के नाम पर है। बाद में डॉ. राजकुमार शर्मा ने नई हैट्रिक मारते हुए शेखावत के रिकॉर्ड की बराबरी की। बता दें कि राजकुमार शर्मा पहले बसपा इसके बाद निर्दलीय और फिर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। वहीं राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के वह करीबी भी माने जाते हैं। सीएम गहलोत ने उन्हें मुख्यमंत्री सलाहकार भी बनाया था।
जातीय समीकरण
इस विधानसभा क्षेत्र में जाट समुदाय किंगमेकर की भूमिका निभाता है। क्योंकि यहां पर सबसे ज्यादा आबादी राजस्थान की है। इसके बाद इस क्षेत्र में सैनी, अल्पसंख्यकों और अनुसूचित जाति के वोटरों का दबदबा है। ब्राह्मण, गुर्जर और कुम्हार यहां अपना गहरा प्रभाव छोड़ते हैं।
साल 2018 में 15वां विधानसभा चुनाव
साल 2018 के विधानसभा चुनाव में नवलगढ़ के समीकरण को समझते हुए कांग्रेस ने राजकुमार शर्मा को टिकट दिया था। वहीं बीजेपी की तरफ से रवि सैनी पर भरोसा जताया गया था। वहीं विक्रम सिंह जाखल भी निर्दलीय के तौर पर अपनी किस्मत आजमाने उतरे। बता दें कि इस चुनाव में हनुमान बेनीवाल की RLP से प्रतिभा सिंह ने अपनी किस्मत आजमाई थी। जिसके बाद राजकुमार शर्मा ने 79,570 वोट बटोरकर जीत की हैट्रिक लगाई थी।
दिलचस्प है 2023 का विधानसभा चुनाव
इस साल राजस्थान के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की तरफ से राजकुमार शर्मा ही प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। वहीं भाजपा कि लिस्ट काफी लंबी है। बीजेपी से सांसद नरेंद्र कुमार की पुत्रवुध और जिला प्रमुख हर्षिनी कुलहरि, शिक्षाविद् डॉ. वीरपाल सिंह शेखावत, राजेश कटेवा, ओमेंद्र चारण, मंजू सैनी और पिछली बार निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले विक्रम सिंह जाखल, गिरधारीलाल इंदोरिया, डॉ. सुमन कुलहरि टिकट की दावेदारी जता रहे हैं। इस क्षेत्र का मुख्य मुद्दा स्थानीय लोगों को रोजगार और कुंभाराम कैनाल से मीठे पानी की आपूर्ति का है।