By अंकित सिंह | May 26, 2023
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का बिना नाम लिए एक बार फिर से उन पर निशाना साधा है। वर्तमान में देखे तो राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है। हालांकि, सचिन पायलट अपनी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। इसी कड़ी में पायलट की मांग को लेकर अशोक गहलोत ने उनपर निशाना साधा है। गहलोत ने कहा कि कई राज्य ऐसे हैं जहां पेपर लीक की घटनाएं होती रहती हैं। उन्होंने कहा कि हमने राजस्थान में कानून बनाया और 200 लोगों को जेल भेजा। चूंकि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए वह पेपर लीक की बात करने लगा है और उन्हें (उम्मीदवारों को) मुआवजा देने की बात कह रहा है।
इसके साथ ही उन्होंने वहा मौजूद लोगो से पूछा कि आप इसे क्या कहेंगे? क्या इसे बौद्धिक दिवालियापन नहीं कहेंगे? दरअसल, सचिन पायलट पेपर लीक को बड़ा मुद्दा बना रहे हैं। ऐसे में कहीं ना कहीं गहलोत ने उनपर निशाना साधा है। गहलोत की टिप्पणी पायलट की प्रभावित उम्मीदवारों को मुआवजे की मांग के संदर्भ में थी, जिसका बाद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुछ नेताओं ने समर्थन किया था। पायलट की अन्य मांगों में राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) को भंग कर उसका पुनर्गठन करना और रेगिस्तान राज्य में पिछले भाजपा शासन के दौरान भ्रष्टाचार की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करना शामिल है।
इससे पहले सचिन पायलट से अनबन के बीच अशोक गहलोत ने कहा था कि राज्य में कांग्रेस एकजुट होकर आगामी विधानसभा चुनाव लड़े और वह जीतेगी। गहलोत ने कांग्रेस के असंतुष्ट नेता सचिन पायलट द्वारा राज्य में अपनी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार को ‘अल्टीमेटम’ दिए जाने संबंधी सवाल को टालते हुए यह बात कही। इसके साथ ही गहलोत ने कहा कि कांग्रेस में सब लोग पार्टी आलाकमान के फैसले को मानते हैं। पायलट की मांगो पर गहलोत ने कहा कि ये तो मीडिया वाले ज्यादा फैला देते हैं बातों को। हम उन (बातों) पर विश्वास नहीं करते। हम तो मानते हैं कि पूरी कांग्रेस एकजुट होकर चुनाव लड़े तो हम जीतकर आएंगे।’’