जब सडकों में बरसाती गड्ढे, खड्डे से लगने लगें और शासकीय पार्टी के नेताजी का दौरा न हो तो विपक्ष के नेता प्रेस कांफ्रेंस करने लगते हैं। ऐसे में लोकप्रिय नेताजी का शहर की सड़कों का फटाफट दौरा करना बनता है। दौरे से पहले नेताजी अपने पीए से कहते हैं कि प्रेस नोट बनाते समय, उनके अनेक पूर्व पद, नाम के साथ ज़रूर लिखे जाएं। वैसे नेताजी चाहते हैं कि ‘हो सकने वाले लोकप्रिय मुख्यमंत्रीजी’ भी लिखा जाए। इससे उनके द्वारा कहे एक एक शब्द का भार और प्रभाव बढ़ सकता है लेकिन बरसात में विवादों के पुलिंदे की ज़रुरत नहीं है। इसलिए वे मन ही मन मंत्री और कभी कभी मुख्यमंत्री बनने का ख़्वाब भी लेते रहते हैं।
कुदरत द्वारा मर्ज़ी से की गई बारिश से बने गड्ढों का निरीक्षण, लोकतांत्रिक रिवायत के अनुसार बरसात समापन पर होना होता है। बारिश के दौरान मरम्मत नहीं होती हां समाजसेवी ठेकेदारों द्वारा आकलन शुद्ध ईमानदारी से किए जाते हैं। इस समय नेताजी लावलश्कर के साथ पैदल चलते हुए सडकों का ऑडिटनुमा निरीक्षण कर रहे हैं। सड़क, गड्ढे, और रोड़े बहुत खुश दिख रहे हैं। नेताजी ने एक ऊंची जगह चढ़कर बयान देना शरू किया है, ‘जिन जगहों पर सडकों की मरम्मत व रखरखाव की जरूरत है अभी निरीक्षण के दौरान उनका गहराई से अध्ययन किया गया है और हमने अभी निर्णय लिया है कि इन्हें तुरंत ठीक कर दिया जाएगा’।
नेताजी की शानदार बगल में वे अधिकारी भी चुपचाप खड़े हैं जिन्होंने बारिश शुरू होने से पहले नेताजी से गुजारिश की थी कि आप हुक्म दें तो मुख्य सड़क की मरम्मत करवा दें मगर नेताजी ने तपाक उन्हें कहा था, ‘आप बिलकुल ऐसा न करें, हम किस लिए हैं, हमने फिर से वोट लेने हैं। सड़क थोड़ा टूट तो जाने दीजिए, विरोधियों की टांगों पर पलस्तर तो चढ़ने दीजिए, ख़बरें खूब छप जाएं फिर हम निरीक्षण करेंगे और आप गड्ढे दरुस्त करवाएंगे।’ नेताजी ने भाषण में सूचित किया कि पिछले कई महीनों से लगातार हो रही भारी बारिश ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों को बहुत नुक्सान पहुँचाया है। यह प्राकृतिक आपदा है और आप जानते हैं प्राकृतिक आपदा हमेशा विकास रोकने की कोशिश करती है लेकिन विकास कहां रुकता है। हम उसे रुकने भी नहीं देंगे ।
अब नेताजी ने अपना गुणगान आरम्भ कर दिया है। वे फिर से बताने लगे हैं कि उन्होंने शहर और क्षेत्र के लिए आज तक क्या क्या किया है और आने वाले समय में क्या क्या करके छोड़ेंगे। इन्हीं मीठी बातों के बहाने उन्होंने जनता द्वारा बिना दिए, आशीर्वाद भी ले लिया है। सभी उपस्थित जन जिनमें पार्टी वर्कर और सरकारी कर्मचारी शामिल हैं ने जोर जोर से तालियां बजाना शुरू कर दिया है। अफसर इस बात को जानते हैं जो ताली नहीं बजाएगा नेताजी उसको अनचाही ट्रांसफर के खड्डे में फिंकवा सकते हैं। इधर उनके चहेतों ने फेसबुक पर आज की विकासात्मक कार्यवाही अपलोड कर दी है।
- संतोष उत्सुक