भारतीय रेल देश में दूसरी श्रेणी के शहरों में स्थित अपने कम से कम 20 स्टेशनों का कायाकल्प करने के लिये मलेशिया के साथ हाथ मिलाने की योजना बना रही है। देशभर में रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास कार्य में निजी क्षेत्र से करीब एक लाख करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित किये जाने की योजना है। स्टेशनों के पुनर्विकास कार्य के तहत प्लेटफार्म को आधुनिक बनाने के साथ साथ उनके आसपास के इलाके का कायाकल्प करना शामिल है। पुनर्विकास कार्य में स्टेशनों में उपलब्ध स्थानों पर होटल, रेस्त्रां, मल्टीप्लेक्स, शॉपिंग मॉल और कार्यालय परिसर आदि विकसित किये जायेंगे। ये परिसर डेवलपर्स को 45 साल के इस्तेमाल के लिये दिये जायेंगे।
देश के दूसरी श्रेणी के इन शहरों को विकसित करने के लिये केन्द्र, राज्य और स्थानीय सरकारों की तरफ से काफी समर्थन दिया जा रहा है। वह चाहते हैं कि इन शहरों को देश के सबसे तेजी से वृद्धि करने वाले शहरों में बदला जाये और व्यावसाय के लिये उपयुक्त स्थान बनाया जाये। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार के स्तर पर मलेशिया के साथ एक दीर्घकालिक भागीदारी स्थापित की जायेगी और उसके आधार पर इस दक्षिण पूर्वी एशिया स्थित देश को 20 स्टेशनों के कायाकल्प की पेशकश की जायेगी। रेलवे पहले ही इस महत्वाकांक्षी परियोजना को शुरू कर चुका है जिसमें उसने एक लाख करोड़ रुपये के निवेश से देशभर में कुल मिलाकर 400 स्टेशनों को सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत विकसित करने की योजना बनाई है।
रेलवे स्टेशनों के कायाकल्प के काम की शुरुआत के लिये हावड़ा स्टेशन, मुंबई सेंट्रल और चेन्नई सेंट्रल को चुना गया है। इस योजना का मकसद इन स्टेशनों पर उपलब्ध भूमि का बेहतर इस्तेमाल करना है। मलेशियाई अधिकारियों के साथ हाल ही में एक बैठक हुई जिसमें उन्होंने स्टेशन पुनर्विकास परियोजनाओं में काफी रुचि दिखाई। अधिकारियों ने बताया कि मलेशिया हालांकि, 23 स्टेशन के लिये बोली प्रक्रिया में भाग ले रहा है, लेकिन रेलवे अलग से 20 स्टेशनों को दोनों देशों की सरकार के स्तर पर भागीदारी में पेशकश करने पर विचार कर रही है। इसमें 10,000 करोड़ रुपये का निवेश हो सकता है।
मलेशिया के साथ रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की इस परियोजना पर मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद काम शुरू किया जायेगा। पहले चरण में जिन अन्य स्टेशनों का आधुनिकीकरण किया जायेगा उनमें पुणे, थाणे, विशाखापत्तनम, कामाख्या, जम्मू तवी, उदयपुर शहर, सिकंदराबाद, विजयवाड़ा, रांची, कोझीकोड, यशवंतपुर, बेंगलूर कैंट, भोपाल, बांद्रा टर्मिनस, बोरिवली और इंदौर शामिल हैं। भोपाल स्टेशन का कायाकल्प करने के लिये पहले ही एक डेवलपर को दिया जा चुका है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु इसका उद्घाटन करेंगे। स्टेशन परिसर में 450 करोड़ रुपये की लागत से होटल, अस्पताल, पार्किंग सुविधा और रेस्त्रां आदि खोले जायेंगे। डेवलपर को 45 साल के लिये स्टेशन की जमीन का वाणिज्यिक इस्तेमाल करने का अधिकार दिया जायेगा लेकिन इसका मालिकाना हक रेलवे के पास ही होगा।