By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 11, 2020
नयी दिल्ली। गृह मंत्रालय ने रेलवे से कहा है कि वह प्रवासी कामगारों की उनके पैतृक स्थानों पर वापसी सुनिश्चित करने के लिये अगले कुछ हफ्तों तक रोजाना कम से कम 100 विशेष ट्रेनों का संचालन करे। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्या सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि मंत्रालय ने सोमवार को रेलवे और राज्य सरकारों के नोडल अधिकारियों के साथ बैठक की।
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उन्होंने कहा, “इस बात पर जोर दिया गया कि प्रवासी कामगारों की वापसी सुनिश्चित के लिये अगले कुछ हफ्तों तक कम से कम 100 ट्रेनों का संचालन किया जाए।” श्रीवास्तव ने कहा कि गृह मंत्रालय ने एक पत्र लिखकर राज्य सरकार से कहा है कि यह सुनिश्चित करें कि किसी भी मजदूर को सड़क या रेल पटरियों पर पैदल न चलने दिया जाए। उन्होंने कहा, “अगर वे पैदल या रेलवे पटरी पर सफर करते पाये जाएं तो उनके लिये बस या ट्रेन की व्यवस्था करने के पर्याप्त प्रयास किये जाएं।
जब तक प्रबंध नहीं हो जाता तब तक श्रमिकों को पास के आश्रय स्थल ले जाया जाना चाहिए और वहां उनके खाने आदि की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए।” श्रीवास्तव ने कहा कि अब तक ऐसी 468 विशेष ट्रेनों का संचालन हो चुका है जिनमें पांच लाख लोगों ने यात्रा की। रविवार को ही ऐसी 101 ट्रेनों का संचालन किया गया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की वजह से देश में पूरी तरह बंद हुई यात्री रेल सेवा को मंगलवार से चरणबद्ध रूप में शुरू किया जाएगा जिसके तहत नई दिल्ली स्टेशन के 15 विशेष ट्रेनें अलग-अलग गंतव्यों के लिये रवाना होंगी। श्रीवास्तव ने कहा कि गृह मंत्रालय ने ट्रेन यात्रा के दौरान कोरोना वायरस के प्रसार से बचने के लिये आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत व्यापक मानक संचालन प्रक्रिया जारी की है। उन्होंने कहा कि सिर्फ कन्फर्म ई-टिकट वाले रेल यात्रियों को ही प्लेटफार्म में जाने की इजाजत होगी और ट्रेन में बैठने से पहले उनकी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि सिर्फ उन यात्रियों को ट्रेन से सफर की इजाजत होगी जिनमें कोई लक्षण नजर नहीं आएगा और यात्रियों को अनिवार्य रूप से मास्क लगाना होगा या चेहरा ढकना होगा। इसके अलावा यात्रा के दौरान उन्हें सामाजिक दूरी के मानकों का पालन भी करना होगा।
श्रीवास्तव ने कहा, “गंतव्य तक पहुंचने के बाद यात्री को राज्य सरकार के स्वास्थ्य मानकों का पालन करना होगा।” उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य सरकारों को पत्र लिखकर कहा है कि चिकित्सकों, नर्सों, पैरामेडिकल कर्मियों, सफाई कर्मियों और एंबुलेंसों की निर्बाध यात्रा सुनिश्चित करें। विदेश में फंसे भारतीयों को वापस लाने के मिशन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि रविवार को 23 उड़ानों से करीब 4000 यात्रियों को लाया गया है। भारतीय नौसेना के पोत जलाश्व से मालदीव से 698 यात्री रविवार को कोच्चि पहुंचे जबकि माले से 200 फंसे हुए यात्रियों को लेकर आईएनएस मगर अपनी वापसी की यात्रा शुरू कर चुका है।