वैभव पवार ने कहा कि मोदी सरकार पर सवाल उठाने से पहले राहुल गांधी को अपनी ही पार्टी से यह सवाल करना चाहिए कि उसकी सरकारें इतने सालों तक क्या करती रहीं? क्यों नहीं चीन को जवाब दिया? पवार ने कहा कि जो पार्टी चीन सरकार से चंदा लेती रही हो, उसमें इतना नैतिक साहस ही नहीं था कि वो चीन के सामने सीना तानकर खड़ी हो सके। वैभव पवार ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने डोकलाम संकट के दौरान पहली बार चीन को यह अहसास कराया था कि अब सीमा पर उसकी मनमानी चलने वाली नहीं है। सरकार का यही रवैया लद्दाख संकट के दौरान भी रहा और केंद्र सरकार की नीतियों तथा दूरदर्शितापूर्वक उठाए गए कदमों का ही नतीजा है कि चीन अप्रैल-मई 2020 के पूर्व की स्थिति यानी फिंगर-8 तक लौटने को तैयार हो गया है। वैभव पवार ने राहुल गांधी के आरोपों को मनगढ़ंत बताते हुए कहा कि भारतीय सेनाए उसी चौकी तक लौट रही हैं, जहां वो इस संकट के शुरू होने के पूर्व थीं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जो चीन को जमीन देने की बात कर रहे हैं, वो कांग्रेस के झूठ फैलाने के अभियान का ही हिस्सा है।