By अंकित सिंह | Sep 30, 2022
असम के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता हिमंत बिस्वा सरमा लगातार राहुल गांधी पर हमलावर रहते हैं। एक बार फिर से उन्होंने राहुल गांधी पर जबरदस्त तरीके से हमला किया है। हिमंत बिस्वा सरमा ने राहुल गांधी को सीधे-सीधे राजनीति के लिए अनफिट करार दिया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उनमें बिल्कुल भी गंभीरता नहीं है। वह बिना किसी जिम्मेदारी के ही सत्ता हासिल करना चाहते हैं। दरअसल, हिमंत बिस्वा सरमा न्यूज़ एजेंसी एएनआई के साथ एक इंटरव्यू में कांग्रेस को लेकर पूछे गए सवाल पर जवाब दे रहे थे। इसी दौरान उन्होंने राहुल गांधी के लिए साफ शब्दों में कहा कि वह राजनीति के लिए उपयुक्त नहीं है। आपको बता दें कि कभी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे हिमंत बिस्वा सरमा ने राहुल गांधी पर कई बड़े आरोप लगाकर भाजपा में शामिल हो गए थे। वर्तमान में वह असम के मुख्यमंत्री हैं।
अपने इंटरव्यू में हिमंत बिस्वा सरमा ने आगे कहा कि राहुल गांधी एक सामंती स्वामी की तरह व्यवहार करते हैं। उन्होंने राहुल गांधी के बारे में कहा कि वह एक गंभीर राजनेता नहीं है। उनमें अहंकार समाया हुआ है। राहुल गांधी के लिए आगे बोलते हुए हिमंत ने कहा कि शायद जो काम उन्हें नहीं करना चाहिए, वह वही काम कर रहे हैं। राहुल गांधी बीच मीटिंग छोड़कर जॉगिंग जैसे कामों के लिए चले जाते हैं। उनमें किसी काम को लेकर गंभीरता नहीं दिखती है। बीच बैठक को अचानक छोड़कर वह कहीं दूसरे काम में चले जाते हैं। आधे घंटे बाद लौटते हैं। हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस के भारत जोड़ो यात्रा पर भी निशाना साधा। हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली हार और अमेठी से खुद हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद छोड़ दिया था। लेकिन फिलहाल पार्टी के प्रमुख फैसले वही लेते हैं।
असम के मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा कि जवाबदेही के बिना ही राहुल गांधी सत्ता का आनंद लेना चाहते हैं। वह पार्टी के तमाम महत्वपूर्ण फैसले लेते हैं। वे चाहते हैं कि उनके पास नेताओं की बैठक जारी रहे। राहुल गांधी ने यह जिम्मेदारी तो जरूर ली कि मेरे नेतृत्व में लोकसभा चुनाव पार्टी हार गई है। इसलिए मैं अध्यक्ष नहीं रहूंगा। लेकिन आज सवाल यह है कि पार्टी कौन चला रहा है, भारत जोड़ो यात्रा का नेतृत्व कौन कर रहा है, किसके पीछे पूरी पार्टी दौड़ रही है। इसका मतलब साफ है कि जवाबदेही के बिना ही आप सत्ता का आनंद लेना चाहते हो। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि लोकतंत्र में जब कोई संसदीय जवाबदेही के बिना, पार्टी की जवाबदेही के बिना, सत्ता का आनंद लेना चाहता है तो यह खतरनाक बात है।