लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को जल्द ही प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। बाताया जा रहा है कि संघीय एजेंसी कांग्रेस नेता को पूछताछ के लिए बुलाने की तैयारी कर रही है। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, घटनाक्रम से परिचित अधिकारियों के हवाले से, रायबरेली के सांसद को पार्टी द्वारा संचालित नेशनल हेराल्ड अखबार के मामलों में मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में ईडी द्वारा पूछताछ के लिए जल्द ही बुलाया जा सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एजेंसी को राहुल से नए दौर की पूछताछ की जरूरत पड़ सकती है क्योंकि एजेंसी अनियमितताओं की अपनी जांच पूरी करना चाहती है, जिसमें उसने पहले ही 751 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर ली है। कांग्रेस नेता से इससे पहले जून 2022 में प्रवर्तन एजेंसी ने चार बैठकों में करीब 40 घंटे तक पूछताछ की थी। एजेंसी ने उनसे यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (वाईआई) के दिन-प्रतिदिन के कामकाज में उनकी भूमिका के बारे में पूछताछ की, एक कंपनी जिसमें वह अपनी मां सोनिया गांधी के साथ एक प्रमुख शेयरधारक हैं।
ईडी ने उनसे वाईआई द्वारा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के अधिग्रहण और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) द्वारा एजेएल को दिए गए 90.21 करोड़ रुपये के ऋण के बारे में भी पूछताछ की। प्रवर्तन एजेंसी ने राहुल गांधी से मुंबई में एक संपत्ति के विकास से संबंधित लेनदेन के बारे में भी पूछा। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी एजेंसी ने जुलाई 2022 में तीन घंटे में लगभग 11 घंटे तक मामले के संबंध में पूछताछ की। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि एजेंसी सोनिया गांधी को भी पूछताछ के लिए बुलाने पर विचार कर रही है या नहीं।
इलसे पहले राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) संसद में उनके हालिया भाषण के जवाब में उनके खिलाफ छापेमारी की योजना बना रहा है। उन्होंने लिखा था कि जाहिर है, 2 इन 1 को मेरा चक्रव्यूह भाषण पसंद नहीं आया। ईडी के ‘अंदरूनी सूत्र’ मुझे बताते हैं कि छापेमारी की योजना बनाई जा रही है। खुले हाथों से इंतज़ार कर रहा हूँ। चाय और बिस्किट मेरी तरफ से। भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में दिल्ली की एक अदालत में गांधी परिवार के खिलाफ मामला दायर किया था।