By अंकित सिंह | Aug 20, 2024
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और हाजीपुर से सांसद चिराग पासवान ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) में लेटरल एंट्री को "पूरी तरह से गलत" बताया और कहा कि वह इस मुद्दे को सरकार के समक्ष उठाने की योजना बना रहे हैं। ऐसी भर्तियों में आरक्षण के प्रावधान की मांग करते हुए पासवान ने कहा कि वह इस मामले को सरकार के समक्ष उठाएंगे। यह पहली बार था जब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के किसी सहयोगी ने सरकारी पदों पर लेटरल एंट्री के मौजूदा प्रावधानों के खिलाफ बात की।
पासवान ने कहा कि जहां भी सरकारी नौकरियों में नियुक्तियां हों, वहां आरक्षण के प्रावधानों का पालन किया जाना चाहिए। इसमें कोई शक-शुबहा नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से ये जानकारी सामने आई है, वो मेरे लिए भी चिंता का विषय है क्योंकि मैं इस सरकार का हिस्सा हूं और इन मुद्दों को उठाने के लिए मेरे पास मंच है। अपनी पार्टी की तरफ से बोलते हुए, हम इसके बिल्कुल पक्ष में नहीं हैं। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने इसपर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि पीएम को अब समझ लेना चाहिए कि वह गठबंधन सरकार चला रहे हैं और उन्हें अपने सहयोगियों की राय लेकर ही कोई फैसला लेना चाहिए।
लोकसभा सांसद की यह टिप्पणी कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लैटरल एंट्री के माध्यम से लोक सेवकों की भर्ती करने के सरकार के कदम को "राष्ट्र-विरोधी कदम" करार दिए जाने के एक दिन बाद आई है। उन्होंने कहा कि लेटरल एंट्री दलितों, ओबीसी और आदिवासियों पर हमला है। भाजपा का राम राज्य का विकृत संस्करण संविधान को नष्ट करने और बहुजनों से आरक्षण छीनने का प्रयास करता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी "संघ लोक सेवा आयोग के बजाय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के माध्यम से लोक सेवकों की भर्ती करके संविधान पर हमला कर रहे हैं"। इससे पहले शनिवार को यूपीएससी ने 24 केंद्रीय मंत्रालयों में सचिव, उप सचिव और निदेशक के 45 पदों की लैटरल भर्ती के लिए निजी क्षेत्र के कर्मचारियों सहित अन्य से आवेदन आमंत्रित किए थे।