By नीरज कुमार दुबे | Jan 16, 2024
एक तरफ जहां सारा देश 22 जनवरी को दीपावली मनाने का इंतजार कर रहा है वहीं कांग्रेस के चेहरे पर मातम नजर आ रहा है। साथ ही प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जाने का निमंत्रण ठुकरा चुकी कांग्रेस के नेता रोजाना ऐसा बयान दे रहे हैं जिससे सनातन धर्म में आस्था रखने वालों की भावनाएं आहत हो रही हैं। 22 जनवरी के कार्यक्रम का शुभ मुहूर्त काशी के पंडित ने निकाला, सारे देश से साधु संत अयोध्या पहुँच रहे हैं ताकि प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग ले सकें। वेदों और शास्त्रों में उल्लिखित सभी नियमों का पालन करते हुए आज से अयोध्या में पूजन शुरू भी हो गया है जोकि 22 जनवरी तक चलेगा। देश के शंकराचार्यों ने भी कार्यक्रम की सफलता के लिए अपना आशीर्वाद दे दिया है यानि सबकुछ शास्त्र सम्मत तरीके से किया जा रहा है लेकिन कांग्रेस को बार-बार यही लग रहा है कि यह आरएसएस और भाजपा का कार्यक्रम है। हम आपको बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि अयोध्या में 22 जनवरी के 'प्राण प्रतिष्ठा' कार्यक्रम को 'राजनीतिक और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं आरएसएस का कार्यक्रम' बना दिया गया है और यही कारण है कि पार्टी के प्रमुख नेताओं ने इसमें शामिल नहीं होने का फैसला किया। यह बयान सामने आते ही साधु संतों ने कांग्रेस पर एक बार फिर पलटवार किया है।
जहां तक राहुल गांधी के बयान की बात है तो आपको बता दें कि उन्होंने कहा, ''हम सभी धर्मों के साथ हैं। हिंदू धर्म से जुड़े सबसे प्रमुख लोगों (शांकराचार्य) ने भी अपने विचार प्रकट किए हैं कि यह एक राजनीतिक कार्यक्रम है। इसलिए हमारे लिए ऐसे किसी कार्यक्रम में जाना बहुत मुश्किल है जिसे प्रधानमंत्री और आरएसएस की इर्द-गिर्द तैयार किया गया है।" हालांकि राहुल गांधी का कहना था कि कांग्रेस पार्टी का कोई भी व्यक्ति, जो भी दर्शन के लिए जाना चाहता है, वो जा सकता है।
वहीं राहुल गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए अयोध्या स्थित प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत राजू दास ने कहा है कि दरअसल आरएसएस और भाजपा के लोग कांग्रेस के 60 साल के बूढ़े नेता को कुर्सी पर बैठने नहीं दे रहे हैं इसलिए हर कार्यक्रम में उन्हें आरएसएस और भाजपा नजर आती है।