By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 17, 2020
नयी दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने सेना की महिला अधिकारियों को तीन महीने के भीतर कमीशन प्रदान करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद सोमवार को दावा किया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने इस मुद्दे पर शीर्ष अदालत में जो दलील दी वह देश की हर महिला का अपमान है। गांधी ने ट्वीट कर कहा, सरकार ने उच्चतम न्यायालय में यह दलील देकर हर महिला का अपमान किया है कि महिला सैन्य अधिकारी कमान मुख्यालय में नियुक्ति पाने या स्थायी सेवा की हकदार नहीं हैं क्योंकि वे पुरुषों के मुकाबले कमतर होती हैं। उन्होंने कहा, मैं भाजपा सरकार को गलत साबित करने और खड़े होने के लिए भारत की महिलाओं को बधाई देता हूं।
प्रियंका ने ट्वीट कर कहा, उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले ने देश की महिलाओं की उड़ान को नए पंख दिए हैं। महिलाएँ सक्षम हैं - सेना में, शौर्य में और जल, थल, नभ में। पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर नारी शक्ति का विरोध करने वाली मोदी सरकार को यह करारा जवाब है। दरअसल, उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केंद्र सरकार को आदेश दिया कि वह सेना की उन सभी महिला अधिकारियों को तीन महीने के भीतर स्थायी कमीशन प्रदान करे जिन्होंने इसके लिए आवेदन किया है।
न्यायालय ने यह भी कहा कि महिलाओं को कमान मुख्यालय पर नियुक्ति दिए जाने पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र सरकार की उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें शारीरिक सीमाओं और सामाजिक चलन का हवाला देते हुए सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन नहीं देने की बात कही गई थी।