Delhi Sevice Bill को AAP ने बताया राजनैतिक धोखा, Amit Shah से बोले Raghav Chadha- आप नेहरूवादी नहीं, आडवाणीवादी बनिए

By अंकित सिंह | Aug 07, 2023

आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा ने आज संसद में दिल्ली सेवा विधेयक पर बहस के दौरान सरकार पर तीखा हमला किया और भाजपा को अपने ही नेताओं - अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी - का अनुसरण करने का आह्वान किया, जो दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा चाहते थे। चड्ढा ने आरोप लगाया कि भाजपा दिल्ली में लगातार कई चुनाव हार गए हैं। वास्तव में, वे संघवाद का उल्लंघन कर रहे हैं और संवैधानिक संशोधन विधेयक पारित करने की बाधा को पार किए बिना संविधान को बदल रहे हैं। AAP ने तर्क दिया है कि प्रस्तावित कानून एक उदाहरण कायम करेगा जिसका इस्तेमाल किसी भी विपक्षी शासित राज्य की शासन की शक्ति को छीनने के लिए किया जा सकता है, चुनी हुई सरकार को दरकिनार किया जा सकता है। उन्होंने इसे राजनैतिक धोखा बताया और कहा कि भाजपा ने अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवानी जी की दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने की 40 साल की मेहनत को मिट्टी में मिला दिया है।

 

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दिल्ली को नियंत्रित करने की कोशिश 

राघव चड्ढा ने कहा कि यह विधेयक जवाबदेही की त्रिपक्षीय श्रृंखला को ध्वस्त करता है। इसका मतलब है कि अधिकारी मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री की बात नहीं सुनेंगे, "वे उपराज्यपाल के पास जाएंगे।" उन्होंने कहा कि 25 वर्षों में, भाजपा छह राज्यों में चुनाव हार गई, यहां तक ​​कि 2015 और 2020 में भी। वे जानते हैं कि वे अगले 25 वर्षों में कोई भी चुनाव नहीं जीत सकते।' चड्ढा ने अपनी पार्टी के तर्क को दोहराते हुए कहा कि यह दो राज्यों में आप की व्यापक जीत पर भाजपा की प्रतिक्रिया है। उन्होंने बार-बार भाजपा पर अपने प्रतिनिधि, उपराज्यपाल के माध्यम से दिल्ली को नियंत्रित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। बिल का समर्थन करने वालों पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, 'अगर खिलाफ हैं तो होने दो, जान थोड़ी हैं, ये सब धुआं है, कोई आसमान थोड़ी है, लगेगी आग तो आएंगे घर कई जद में, यहां पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है।' 

 

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आडवाणीवादी बनो

आप के राज्यसभा सांसद ने कहा कि दिल्ली के प्रति भाजपा का रुख उसके सबसे बड़े नेताओं - पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी - के विचारों के विपरीत है। उन्होंने कहा कि वाजपेयी और डिप्टी पीएम आडवाणी दिल्ली को राज्य का दर्जा देने के लिए बिल लेकर आए। बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने दिल्ली को राज्य का दर्जा देने का फैसला किया। भाजपा ने लोगों से वादा किया था कि वह दिल्ली को एक राज्य बनाएगी। मैं अमित शाह जी से कहना चाहता हूं कि नेहरूवादी मत बनो, आडवाणीवादी बनो। उन्होंने सवाल किया कि ऐसा कौन सा संकट आया कि आपको सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ जाना पड़ा? यह देश की शीर्ष अदालत का अपमान है। बीजेपी ने यह संदेश दिया कि सुप्रीम कोर्ट क्या कहता है उससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को चुनौती दी है। 

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