By दिव्यांशी भदौरिया | Feb 12, 2024
कतर की अदालत ने पिछले साल 27 अक्टूबर को भारतीय नौसेना के 8 पूर्व कर्मचारियों को सजा-ए-मौत सुनाई थी. इस फैसले को लेकर भारत काफी हैरान था उन्होंने इस निर्णय को चौकाने वाला बताया था। जसूसी के आरोप में इन आठों को मौत की सजा सुनाई था। भारत सरकार ने भी इस मामले में सभी कानूनी विकल्पों को पर विचार किया था। भारत के कतर के साथ अच्छे रिश्ते है लेकिन फिर भी कतर ने भारत के नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई.
जानें कौन हैं यह आठ भारतीय
कतर ने जिन भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई है वह सभी भारतीय नौसेना में 20 सालों तक अपनी शानदार सेवा दे रहे थे. इन लोगों ने प्रशिक्षकों समेत मुख्य पदो पर काम किया है. यह हैं भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी। कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुणाकर पकाला, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर संजीव गुप्ता, कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ
और नाविक रागेश गोपाकुमार। कतर ने जब भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई थी, तो पूरा देश चिंतित हो गया था। इनके परिजानों की ओर से रिहाई और घर वापसी के लिए लगातर गुहार लगा रहे थे। भारत सरकार ने अश्वासन दिया था कि वह सभी राजनयिक चैनलों का इस्तेमाल करेगा और इन्हें कानूनी सहायता की व्यवस्था देगा।
7 लोग की हुई घर वापसी
भारत के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक आधिकारिक बयान में कहा कि आठ पूर्व नौसेना के अधिकारियों में से सात पहले ही भारत वापस आ चुके है. बता दें कि, केन्द्र सरकार ने की ओर से आधिकारिक बयान भी जारी किया गया है जिसमें इन पूर्व अधिकारियो के रिहाई के फैसले का स्वागत किया गया है। बयान में कहा गया है कि भारत सरकार दाहरा ग्लोब कंपनी में काम कर रहे भारतीयों की रिहाई का स्वागत करती है। इन्हें कतर में हिरासत में ले लिया गया था। रिहा हुए आठ में से सात लोग भारत लौट आए हैं। हम कतर के अमीर को इन भारतीयों की रिहाई के लिए धन्यवाद देते हैं।
आठ भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी अक्टूबर 2022 से कतर की जेल में बंद थे. कतर ने उन पर पनडुब्बी से जुड़ी कथित जासूसी का आरोप लगाए थे।