925 दिनों के भीषण जंग के बाद अब रूस यूक्रेन के युद्ध में कुछ ऐसा होने लगा है कि अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और यूक्रेन हैरान रह गए हैं। यकीन करना मुश्किल है लेकिन नाटो के 32 देश में से एक ऐसा देश है जिसके लड़ाके पुतिन की तरफ से यूक्रेन पर भयंकर हमले कर रहे हैं जब से यह खबर आई है तब से पूरा नाटो सदमे में चला गया है। रूस यूक्रेन जंग को लेकर बहुत बड़ा खुलासा नाटो देश ने किया है। पहली बार किसी नाटो देश ने माना है कि उसके देश के लड़के रस की तरफ से यूक्रेन पर हमला कर रहे हैं। इस खुलासे के बाद से नाटो की इमरजेंसी मीटिंग होने जा रही है। इधर पुतिन ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि रूस ही जंग का असली उस्ताद है।
नाटो देश और अमेरिका कोई यह समझ नहीं आ रहा कि उसके लड़ाके पुतिन के वफादार कैसे हो गए। शुरू में कुछ वॉर एक्सपर्ट को शक था कि शायद नाटो देश तुर्की के लड़ाके रूस की तरफ से यूक्रेन पर हमला कर रहे हैं। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि यूक्रेन पर जिस नाटो देश के लोग हमले कर रहे हैं वो यूक्रेन के पड़ोसी मुल्क लिथुआनिया है। यानी यूक्रेन के रक्षक की उसके लिए भक्षक बन चुके हैं। अमेरिका और नाटो खुद को युद्ध का उस्ताद समझ रहे थे। यूक्रेन के राष्ट्रपति जलांस की खुद को युद्ध का चाणक्य समझ रहे थे। ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और पोलैंड खुद को युद्ध का गेम चेंजर समझ रहे थे। लेकिन पुतिन ने लगभग तीन साल के जंग में ऐसी बाजी पलटी है कि चर्चा यह तेज हो चली है कि पुतिन का रूस यूक्रेन के कीव तक कब्जा करने जा रहा है।
नाटो के लड़ाके रस की तरफ से लड़ रहे हैं इसका दवा लिथुआनिया की तरफ से किया गया है। लिथुआनिया के रक्षा मंत्री लॉरीनाम कमीयुनाम ने कहा कि इस वक्त लिथुआनिया के सैकड़ो लड़ाके रूस की तरफ से यूक्रेन पर हमले कर रहे हैं। उनका दावा है कि उनके देश के नागरिक रूस की तरफ से जंग लड़ रहे हैं। लिथुआनिया के रक्षा मंत्री ने अपने देश के नागरिकों को चेतावनी देते हुए कहा है कि रूस की तरफ से लड़ने वाले लिथुआनियाई नागरिकों को सख्त सजा मिलेगी।