चेन्नई। तमिलनाडु में पंजाब के रहने वाले 66 वर्षीय एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी भाजपा के चुनाव चिन्ह कमल पर 16 मई को होने वाला विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं। यह एक दुलर्भ उदाहरण है जब कोई उत्तर भारतीय तमिलनाडु के चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहा है। पंजाब के बरनाला से करीब 21 किलोमीटर की दूरी पर स्थित खिआली के निवासी उजागर सिंह शहर के बाहरी इलाके के सोजहीनगनल्लुर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के एक सहयोगी दल एआईएमकेएमके के उम्मीदवार हैं।
उजागर सिंह 1977 बैच के तमिलनाडु कैडर के एक पूर्व आईएएस अधिकारी है और उन्होंने राज्य सरकार के विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं। वह 2010 में यहां से विशेष आयुक्त के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे। वह एआईएमकेएमके के उम्मीदवार हैं और भाजपा के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ रहे हैं। किसी उत्तर भारतीय का दक्षिण भारत, खासकर तमिलनाडु में चुनाव लड़ने का उदाहरण बहुत कम ही देखने को मिलता है। तमिलनाडु में अक्सर राजनीतिक नेता केंद्र में सत्ता की बागडोर संभालने वाली पार्टियों द्वारा संस्कृत या हिंदी को बढ़ावा देने पर नाराजगी प्रकट करते रहते हैं। जब उजागर सिंह से यह पूछा गया कि उन्हें तमिलनाडु की राजनीति में आने के लिए किस चीज ने प्रेरित किया जबकि वह खुद पंजाब के निवासी हैं, इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘मैं नि:शुल्क शिक्षा जैसी पार्टी की कल्याणकारी योजनाओं से प्रभावित था। इसके अतिरिक्त, एआईएमकेएमके प्रमुख देवनाथन ने मुझसे चुनाव लड़ने का अनुरोध किया था और मैं उन्हें जानता हूं, वह एक अच्छे नेता हैं।’’