By नीरज कुमार दुबे | Aug 22, 2023
पंजाब में किसानों के आंदोलन को देखते हुए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये हैं। दूसरी ओर आंदोलनरत किसानों के समर्थन में कांग्रेस के उतर जाने से यह लड़ाई अब सियासी रंग ले चुकी है। सोमवार को संगरूर में एक किसान की मौत के बाद माहौल में तनाव भी देखा जा रहा है जिसके चलते पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ की अंतरराज्यीय सीमाओं पर मंगलवार को सुरक्षा कड़ी कर दी गई। रिपोर्टों के मुताबिक, चंडीगढ़ में सभी प्रवेश एवं निकास बिंदुओं पर सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं, ताकि किसानों को प्रवेश करने से रोका जा सके। अधिकारियों ने बताया कि अंबाला में हरियाणा और पंजाब की सीमा शंभू बार्डर पर बड़ी संख्या में बलों को तैनात किया गया है। इसके अलावा, पंजाब के राजपुरा में अवरोधक लगाए गए हैं तथा दंगा-रोधी वाहनों और एक सीसीटीवी वाहन को भी तैनात किया गया है।
हम आपको बता दें कि किसान मजदूर संघर्ष समिति, भारती किसान यूनियन (क्रांतिकारी), बीकेयू (एकता आजाद), आजाद किसान समिति, दोआबा, बीकेयू (बेहरामके) और भूमि बचाओ मुहिम सहित 16 किसान संगठनों ने प्रदर्शन करने का आह्वान किया है। किसान नेता पंजाब समेत पूरे उत्तर क्षेत्र में बाढ़ से हुए नुकसान के लिए केंद्र से 50,000 करोड़ रुपये के पैकेज की मांग कर रहे हैं। वे फसल के नुकसान के लिए 50,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा, क्षतिग्रस्त घर के लिए पांच लाख रुपये और बाढ़ में मारे गए व्यक्तियों के परिवार के लिए 10-10 लाख रुपये मुआवजे की भी मांग कर रहे हैं।
हम आपको यह भी बता दें कि कुछ किसान नेताओं को ‘‘हिरासत’’ में लिए जाने को लेकर संगरूर जिले में सोमवार को किसानों के साथ हुई झड़प में ट्रैक्टर-ट्रॉली से कुचलकर एक व्यक्ति की मौत हो गई और कम से कम पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए। किसानों ने दावा किया था कि उनके कई नेताओं को पंजाब के विभिन्न हिस्सों से सोमवार को हिरासत में लिया गया और कुछ किसानों को उनके प्रस्तावित प्रदर्शनों से पहले हरियाणा के अंबाला और कुरुक्षेत्र में भी हिरासत में लिया गया। किसानों ने अपने नेताओं को ‘‘हिरासत’’ में लिए जाने के विरोध में अमृतसर और तरनतारन में कुछ टोल प्लाजा की घेराबंदी भी की। दूसरी ओर मोहाली में आंदोलनरत किसानों के समर्थन में पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा भी उतरे और आम आदमी पार्टी की सरकार पर निशाना साधा।