शिवराज सरकार के नए श्रम कानून का विरोध शुरू, इंटक ने कहा हम न्यायालय की शरण में जाएगें

By दिनेश शुक्ल | May 09, 2020

भोपाल। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार द्वारा कोरोना काल में लागू किए गए नए श्रम कानून को लेकर इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) ने विरोध जताया है। इंटक ने आरोप लगाया है कि मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में उद्योगों व निवेश को बढावा देने की आड़ में कई श्रमिक हितेषी कानूनों व प्रावधानों को समाप्त कर दिया है। जिसको लेकर इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी.संजीवा रेड्डी के नेतृत्व में सभी सेंट्रल ट्रेड यूनियन्स श्रम कानूनों में बदलाव के विरोध में संयुक्त कार्यवाही कर रहीं हैं। इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) के राष्ट्रीय संगठन मंत्री,  बी.डी. गौतम ने बताया कि मध्य प्रदेश इंटक भी प्रदेश स्तर पर इस हेतु अग्रसर है। बहुत जल्द ही माननीय उच्च न्यायालय व उच्चतम न्यायालय में सरकार के इस निर्णय के खिलाफ याचिका दायर की जायेंगी।

 

इसे भी पढ़ें: श्रम कानून पर बोलीं मायावती, श्रमिकों के हित में होना चाहिए बदलाव, अहित में नहीं

बी.डी. गौतम ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने कोरोना की आड़ में 4 केंद्रीय श्रम कानूनों व 3 राज्यस्तरीय श्रम कानूनों में जो परिवर्तन किए हैं। वह उद्योगपतियों, व्यापारियों व व्यवसायियों के हित में हैं तथा श्रमिकों के और अधिक शोषण को ध्यान में रखकर किये गए हैं। इसीलिए सरकार ने कानूनों में संशोधन से पहले उद्योगपतियों से तो बात की है परन्तु किसी भी श्रमिक संगठन से बात किये बिना ही श्रम कानूनों में इतने व्यापक स्तर पर परिवर्तन कर डाले। और सरकार इसे रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का उद्देश्य बता रही है, जो शहद में लपेटकर जहर देने के समान है।

 

इसे भी पढ़ें: अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए UP सरकार का फैसला, श्रम कानूनों से दी जाएगी तीन साल की छूट

राज्य सरकार द्वारा श्रम कानूनों में किए गए परिवर्तन की कमियां गिनाते हुए गौतम ने कहा कि, 12 घंटे की शिफ्ट, व्यावसायिक संस्थानों को सुबह 6 से रात 12 बजे तक खोलना, कारखानों को 1000 दिन मतलब पौने तीन साल तक ID Act 1947 से छूट देने से वह किसी को भी नौकरी से निकाल सकेगा, 50 श्रमिकों तक के कारखानों पर फैक्टरी एक्ट 1948 के प्रावधानों में निरीक्षण से छूट सहित विभिन्न श्रम कानूनों से कुल 18 छूट उद्योगपतियों, व्यवसायियों व व्यापारियों को दी गई है। इन 18 छूट देने से श्रमकों का 18 प्रकार से शोषण बढ़ेगा। सरकार ने श्रमिकों के अधिकारों का संरक्षण करने के लिए श्रमिकों को एक भी छूट प्रदान नहीं कि है। यह कैसा श्रमिक हितेषी निर्णय है ?

 

इसे भी पढ़ें: श्रम कानूनों में बदलाव पर मचा हंगामा, सरल भाषा में जानें पूरे मामले का निचोड़ और इससे क्या होगा असर?

इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) के राष्ट्रीय संगठन मंत्री,  बी.डी. गौतम ने कहा है कि सरकार के इस श्रमिक विरोधी निर्णय का कानूनी और मैदानी स्तर पर हमने विरोध करने के लिए प्रयास प्रारम्भ कर दिए गए हैं। आने वाले दिनों में इसके लिए रणनीति तैयार कर इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। साथ ही पूंजीवादी व्यवस्था के साथ खडे होकर राज्य सरकार ने जो निर्णय लिए है। उसके उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होगें। गौतम ने इस दौरान औरंगाबाद के पास रेलवे ट्रेक पर हादसे में मारे गए मजदूरों के प्रति शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रृद्धाजली अर्पित की।

 

प्रमुख खबरें

Justin Trudeau Resigned: जस्टिन ट्रूडो ने दिया इस्तीफा, अगला PM चुने जाने तक कुर्सी पर बने रहेंगे

Rishi Dhawan Retirement: भारतीय ऑलराउंडर ऋषि धवन ने लिया संन्यास, IPL में फेस गार्ड पहनकर खेलकर हुए थे वायरल

थक चुके हैं नीतीश कुमार, रिटायर्ड अफसर चला रहे बिहार में सरकार, तेजस्वी का CM पर बड़ा वार

सिद्धारमैया की डिनर मीट का शिवकुमार ने किया बचाव, कहा- इसके पीछे कोई राजनीति नहीं है