महामारी से उबर चुके लोगों में जीने का उत्साह बढ़ रहा है। घूमने फिरने, कुछ करने की आजादी मिली तो घरों में क़ैद रहे इंसानों में कुछ नया करने की सार्थक सोच उगने लगी है। समाज के लिए कुछ संजीदा कर डालने की सोच पिछले कुछ समय में सबके दिल ओ दिमाग में घर बना चुकी है। यह बात दीगर है कि समाज के लिए कुछ करने की तमन्ना के साथ साथ, महाविकसित कैमरे से सेल्फी लेने और अखबार में रंगीन फोटो और खबर छपने की आरज़ू भी ज़्यादा जवान रहने लगी है। यही आरज़ू नए समाज सेवक भी पैदा कर रही है। समाज सेवा की भावना नए वस्त्र खरीदने की प्रेरणा देती है, पार्टी करवाती है और स्वादिष्ट खाना खिलवाती है। सामाजिक दूरी कही जाने वाली शारीरिक दूरी हमें बिलकुल पसंद नहीं है। मास्क में तो फोटो कतई अच्छी नहीं आती है इसलिए फ़ालतू फ़ोटोज़ भी बहुत खिंच जाती है। बढ़िया ग्रुप फोटो में साथ साथ बैठकर ही अच्छा लगता है।
समाचार पत्रों को, पाठकों को पसंद आने वाली खूबसूरत फोटो और दिलचस्प ख़बरें चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय स्तर के क्लब की स्थानीय शाखा की नई अध्यक्ष ने पहली अंतरंग बैठक में, सामाजिक प्रभाव बढाने हेतु कुछ ज़रूरी उन्नतिशील बातें की। उन्होंने कहा, हम पिछली टीम से ज़्यादा काम करके दिखाएंगे। गरीबों और ज़रुरतमंदों को उनसे ज़्यादा फूल, मास्क, दूध, फल, खाना व कपडे उपलब्ध कराएंगे। अब सब नया है, हमारी टीम नई है, नए सदस्य जुड़ें हैं, नया उत्साह है इसलिए हमने नई टीम भावना के साथ काम करना है। बहुत दिनों से हम सब नए वस्त्र नहीं खरीद पाए, अब खरीद लें और ध्यान रखें क्लब की किसी भी बैठक में कोई सदस्य पुराने वस्त्र पहनकर न आए। पुराने जो भी वस्त्र ज़रूरत मंदों को दिए जा सकते हैं इक्कठे कर लिए जाएं, उन्हें हम शहर में नेकी की दीवार बनाकर उस पर टांग देंगे। नए वस्त्र और हेयर स्टायल ऐसे होने चाहिए जो हमारी पर्सनेलिटी को फोटोजेनिक बनाने में मदद करें।
हमारी सभी फ़ोटोज़ थ्री डी एंड ट्रेंडी होनी चाहिएं। हमारे क्लब के सभी आयोजनों में सभी चुस्त दिखें इसके लिए सभी का स्वास्थ्य ठीक होना चाहिए। आप सभी ने वैक्सीन के दोनों डोज़ ले लिए होंगे। हमारे क्लब की मीटिंग्स और पार्टीज़ बहुत हुआ करेंगी इसलिए आप अपने बच्चों को ट्रेंड कर दें ताकि वे घर के बुजुर्गों के साथ या बाई के पास रह सकें। क्यूंकि कार्यक्रम में बच्चे आ जाएं तो बहुत परेशान होते हैं।
विज्ञापन ही आज का प्रबंधन सूत्र है इसलिए काम हो न हो काम की चर्चा होनी चाहिए। हमारे छोटे से छोटे काम का इम्पैक्ट ज़बर्दस्त होना चाहिए। मान लीजिए, हम किसी गरीब को आजीविका कमाने के लिए पुराने अखबार दें तो उसे भी क्लब का एक इवेंट बना दिया जाए। लुभावनी बैक ग्राउंड के सामने ग्रुप में खड़े होकर, अखबार, गिफ्ट पेपर में पैक कर देने चाहिए। अखबारों और सोशल मीडिया पर फोटो ज़रूर आनी चाहिए। जान पहचान के ज़्यादा से ज़्यादा लोगों से आग्रह करें कि खूब लाइक और शेयर करें। सबसे ज़रूरी है कि सभी सदस्य, प्रेस वालों से बेहतर रिश्ते बनाएं। अगर ऐसा करेंगे तो हमारी फोटो के नीचे छपेगा, शहर के प्रसिद्द क्लब के सदस्यों ने अपनी बैठक में समाज कल्याण से जुड़े अनेक मुद्दों पर चर्चा की। इस वक्तव्य के बाद नए अध्यक्ष के उन्नतिशील विचारों को खूब तालियां मिली। अब सभी को भूख लग रही थी तभी महत्वपूर्ण सूचना दी गई कि खाना लग चुका है।
- संतोष उत्सुक