नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 के आखिरी चरण में प्रचार-प्रसार की अवधी समाप्त होने के बाद सभी दल के नेताओं के बीच सियासी उठा-पटक की कवायद तेज हो गई है। विपक्षी दल के नेता भी किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने की सूरत में गैर भाजपा सरकार के गठन को लेकर गुणा-भाग शुरू कर दिया है। जिसमें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री व टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू प्रमुखता से सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। चंद्रबाबू नायडू ने एक-एक कर विपक्षी नेताओं से गुपचुप मीटिंग भी शुरू कर दी है। जिसके तहत नायडू यूपी के महागठबंधन नेता व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की।
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इससे पहले नायडू ने राहुल गांधी के आवास पर उनसे मुलाकात की और गैर भाजपा सरकार के गठन की संभावना को लेकर चर्चा की। गौर हो कि यह मुलाकात उस वक्त हुई है जब एक दिन राहुल ने चुनाव बाद संप्रग से बाहर की पार्टियों के साथ गठबंधन की संभावना की ओर स्पष्ट संकेत देते हुए दावा किया था कि बसपा सुप्रीमा मायावती, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी और तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू भाजपा या नरेंद्र मोदी का समर्थन नहीं करेंगे।
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गैर भाजपा मोर्चा बनाने पर नायडू का जोर
चंद्रबाबू नायूड ने इससे पहले आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिले। दोनों नेताओं के बीच नतीजों के बाद की रणनीति पर काफी देर तक बातचीत हुई। नायडू ने राकांपा प्रमुख शरद पवार और लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव से भी मुलाकात की। इससे पहले भी नायडू तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी और माकपा महासचिव सीताराम येचुरी से भी चर्चा कर चुके हैं। चुनाव के नीतीजे तो 23 मई को आएंगे, लेकिन इससे पहले ही सियासत की शह और मात के खेल में नायडू के विपक्षी दलों को साधने के प्रयास कितने कारगर होते हैं और भाजपा और उसके रणनीतिकार अमित शाह इसकी काट के रूप में क्या दांव चलते है ये देखना दिलचस्प रहेगा।