राष्ट्रपति चुनाव में यूपी के बाद सबसे ज्यादा मत मूल्य इन राज्यों के विधायकों के वोट का

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 16, 2022

नयी दिल्ली।देशभर के निर्वाचित विधायक राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए सोमवार को मतदान करेंगे, जिससे उत्तर प्रदेश के विधायकों का मत मूल्य सबसे अधिक होगा, जबकि सिक्किम के विधायकों का मत मूल्य सबसे कम होगा। वहीं, सांसदों का मत मूल्य उनसे कहीं अधिक 700 होता है। उत्तर प्रदेश के 403 विधायकों में से प्रत्येक का मत मूल्य 208 है, यानी उनका कुल मूल्य 83,824 है। तमिलनाडु और झारखंड के प्रत्येक विधायक का मत मूल्य 176 है। इसके बाद महाराष्ट्र का 175, बिहार का 173 और आंध्र प्रदेश के हरेक विधायक का मत मूल्य 159 है।

इसे भी पढ़ें: संसदीय बोर्ड की बैठक में उपराष्ट्रपति उम्मीदवार को चुनेगी भाजपा, इन नामों पर होगी चर्चा

तमिलनाडु की 234 सदस्यीय विधानसभा का कुल मत मूल्य 41,184 है और झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा का कुल मत मूल्य 14,256 है। महाराष्ट्र विधानसभा के 288 विधायकों का मत मूल्य 50,400 है और बिहार विधानसभा के 243 सदस्यों का मत मूल्य 42,039 है। वहीं, 175 सदस्यीय आंध्र प्रदेश विधानसभा का कुल मत मूल्य 27,825 है। किसी विधायक का मत मूल्य 1971 की जनगणना के अनुसार उस राज्य की कुल आबादी के आधार पर गिना जाता है छोटे राज्यों में सिक्किम के प्रत्येक विधायक का मत मूल्य सात है। इसके बाद अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम का मत मूल्य आठ-आठ, नगालैंड का नौ, मेघालय का 17, मणिपुर का 18 और गोवा का मत मूल्य 20 है। केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के एक विधायक का मत मूल्य 16 है। सिक्किम में 72 सदस्यीय विधानसभा का कुल मत मूल्य 224, मिजोरम विधानसभा में 40 सदस्यों का मत मूल्य 320, अरुणाचल प्रदेश के 60 विधायकों का मत मूल्य 480, नगालैंड के 60 सदस्यों का मत मूल्य 540, मेघालय के 60 सदस्यों का मत मूल्य 1,020, मणिपुर विधानसभा के 60 सदस्यों का मत मूल्य 1,080 और 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा का मत मूल्य 800 है।

इसे भी पढ़ें: गिरिराज सिंह ने PFI की RSS से तुलना की निंदा की, कुशवाहा बोले- यह राजनीतिक मुद्दा नहीं

वहीं, संसद के एक सदस्य का मत मूल्य 708 से घटाकर 700 कर दिया गया है क्योंकि जम्मू कश्मीर में अभी कोई विधानसभा नहीं है। राष्ट्रपति चुनाव में किसी सांसद का मत मूल्य राज्य विधानसभाओं और दिल्ली, पुडुचेरी तथा जम्मू कश्मीर समेत केंद्र शासित प्रदेशों में निर्वाचित सदस्यों की संख्या के आधार पर तय होता है। राष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचन मंडल में लोकसभा, राज्यसभा के सदस्य तथा राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के सदस्य शामिल होते हैं। अगस्त 2019 में लद्दाख और जम्मू कश्मीर के दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित होने से पहले जम्मू कश्मीर राज्य विधानसभा की 83 सीटें थीं। जम्मू कश्मीर पुनर्गठन कानून के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में विधानसभा होगी जबकि लद्दाख पर केंद्र सरकार का शासन होगा।

प्रमुख खबरें

परभणी पहुंचे राहुल गांधी, सोमनाथ सूर्यवंशी के परिवार से की मुलाकात, RSS-BJP पर साधा निशाना

Bigg Boss 18 के घर से हुआ वीकेंड पर डबल इविक्शन, Edin Rose और Yamini Malhotra घर से हुई बेघर

भारतीय टीम में 20 विकेट लेने की क्षमता बहुत अच्छी नहीं है: Cheteshwar Pujara

भारत ‘इस्तेमाल’ की हुई अभ्यास पिचों से नाखुश, एमसीजी क्यूरेटर ने कहा: प्रोटोकॉल का पालन किया