By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 09, 2017
वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निजी अटॉर्नी ने एफबीआई निदेशक पद से हटाए गए जेम्स कोमी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि यह अब साफ हो गया है कि बर्खास्त अधिकारी ‘‘विशेषाधिकार प्राप्त सूचनाएं’’ लीक करने वालों में से एक थे और इसकी जांच की जानी चाहिए। डोनाल्ड ट्रंप के निजी अटॉर्नी मैक कासोविट्ज ने ‘सीनेट सलेक्ट समेटी ऑन इंटेलिजेंस’ के समक्ष दिए गए कोमी के बयान के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘प्रेस में आई कई झूठी बातों के विपरीत कोमी ने सार्वजनिक तौर पर अंतत: उस बात की पुष्टि कर दी, जो वह राष्ट्रपति ट्रंप को व्यक्तिगत रूप से बार बार बताते रहे हैं।’’
कासोविट्ज ने कहा, ‘‘वह बात यह है कि चुनाव में रूसी हस्तक्षेप के मामले में राष्ट्रपति जांच के दायरे में नहीं थे।’’ उन्होंने कहा कि कोमी ने यह भी स्वीकार किया कि रूसी हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप एक भी वोट पर असर पड़ने का कोई सबूत नहीं है। उनका बयान यह भी साफ करता है कि साल 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रूस द्वारा हस्तक्षेप के प्रयास की जांच में राष्ट्रपति ने कभी रुकावट पैदा करने की कोशिश नहीं की। अटॉर्नी ने कहा कि वास्तव में कोमी के अनुसार राष्ट्रपति ने उनसे कहा था कि यदि कुछ गलत हुआ है तो जांच के जरिए ‘‘उसका पता लगाना अच्छा होगा’’। उन्होंने कहा कि कोमी ने अपने बयान में कहा कि राष्ट्रपति ने कभी कोमी को यह निर्देश या सलाह नहीं दी कि वह किसी के भी खिलाफ जांच रोकें। उन्होंने कभी यह नहीं कहा कि माइकल फ्लिन के खिलाफ जांच नहीं की जाए। अटॉर्नी ने कहा कि यह स्पष्ट है कि ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से पहले से लेकर अब तक सरकार में ऐसे लोग रहे हैं और अब भी हैं जो गोपनीय सूचना एवं विशेषाधिकार प्राप्त संवाद को लीक करके इस प्रशासन को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘कोमी ने अब यह स्वीकार किया है कि वह सूचनाएं लीक करने वाले इन्हीं लोगों में शामिल हैं। कोमी ने आज स्वीकार किया कि उन्होंने राष्ट्रपति के साथ उनके विशेषाधिकार प्राप्त संवाद का प्रेस के सामने अनधिकृत खुलासा किया।’'