प्रकाश सिंह बादल को मिली पेंशन का रिकॉर्ड पेश करें, अन्यथा कानूनी कार्रवाई का सामना करें मान: सुखबीर

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 01, 2022

चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने बुधवार को कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल पर पेंशन लेने के संबंध में लगाए गए आरोपों को साबित करने के लिए या तो सार्वजनिक तौर पर सबूत पेश करना चाहिए या कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि मान आम आदमी पार्टी (आप) के इशारे पर मानहानिकारक अभियान चला रहे हैं। उन्होंने आप पर गुजरात समेत उन कई राज्यों में करोड़ों रुपए खर्च करने का आरोप लगाया, जहां चुनाव होने वाले हैं।

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खबर है कि गुजरात में आम आदमी पार्टी (आप) के लिए चुनाव प्रचार करने के दौरान मान ने कहा था कि प्रकाश सिंह बादल पूर्व विधायक के तौर पर कई पेंशन प्राप्त कर रहे थे और उनकी सरकार ने नया कानून लाकर इस परिपाटी को रोका। उल्लेखनीय है कि पंजाब में अब नए कानून के तहत पूर्व विधायक को केवल एक कार्यकाल की पेंशन प्राप्त होगी और प्रत्येक कार्यकाल के लिए अलग-अगल मिलने वाली पेंशन की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। गुजरात में विधानसभा चुनाव के लिए एक दिसंबर और पांच दिसंबर को दो चरणों में मतदान होगा। इस मुकाबले में ‘आप’ और कांग्रेस भाजपा को सत्ता से हटाने की कोशिश कर रही हैं।

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शिअद प्रमुख ने यहां जारी एक बयान में कहा, ‘‘भगवंत मान को यह लग सकता है कि वह झूठ बोलकर लोगों को गुमराह कर सकते हैं, लेकिन हम उन्हें उनके शब्दों के लिए जवाबदेह बनाएंगे। अब, उन्हें अपने दावों को सही साबित करने के लिए या तो सार्वजनिक रूप से रिकॉर्ड पेश करने होंगे या अपने बयानों के लिए माफी मांगनी होगी। यदि वह इनमें से कुछ भी नहीं करते हैं, तो हम उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।’’ सुखबीर बादल ने आरोप लगाया कि मान ने प्रकाश सिंह बादल पर पेंशन के रूप में लाखों रुपए लेने का झूठा आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि सच्चाई तो यह है कि पांच बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल ने इस साल पंजाब विधानसभा चुनाव में अपनी हार के तत्काल बाद ‘प्रोटेम स्पीकर’ (अस्थायी अध्यक्ष) को पत्र लिखकर उनसे कहा था कि 10 बार विधायक रहने के लिए उन्हें मिलने वाली पेंशन देना बंद कर दिया जाए। सुखबीर सिंह बादल ने कहा, ‘‘प्रकाश सिंह बादल ने अनुरोध किया था कि इस पैसे का इस्तेमाल जन कल्याण, खासकर बालिकाओं की शिक्षा के लिए किया जाना चाहिए।

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