By अभिनय आकाश | Sep 10, 2022
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे को लेकर सवाल उठाए हैं। समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने एक महीने पहले ही बीजेपी छोड़ दी है और बीजेपी के विरोध में नेताओं और पार्टियों से मिल रहे हैं, लेकिन ऐसा करने से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा. हमें 2024 के चुनावों के लिए एक विश्वसनीय चेहरे की जरूरत है, जन विश्वास, कार्यबल और जन आंदोलन की आवश्यकता है। प्रशांत किशोर ने कहा कि चार नेताओं के मिलने से उनके साथ चाय पीने से जनता पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इस मुलाकात से आपके चुनाव लड़ने की क्षमता, अआपकी विश्वसनीयता या एक नया नरैटिव बनाने के संदर्भ में क्या फर्क पड़ेगा।
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा कि हर तरह के जोड़ बने और टूटे केवल एक ही जोड़ नहीं टूटा और वो मुख्यमंत्री की कुर्सी और नीतीश जी के बीच का जोड़ है। ऐसी बाजीगरी केवल नीतीश जी कर सकते हैं, इसलिए मैंने कहा कि फेविकोल को इन्हीं(नीतीश कुमार) को अपना ब्रांड एंबेसडर बना लेना चाहिए। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हम लोग एक नारा सुनते आए हैं कि फेविकोल का जोड़ है, नहीं टूटने वाला। बिहार में तो हम लोगों ने कई तरह के जोड़ों को बनते और बिगड़ते हुए देखा है। हमने देखा कि नीतीश जी कैसे भाजपा के साथ थे, फिर छोड़ा, फिर साथ आए, फिर छोड़ा।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार की नाराजगी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बीजेपी लिंक्स कहते हैं, "नीतीश जी मुझसे नाराज़ नहीं हैं, यह उनके बोलने का तरीका है। मेरा उनके साथ एक करीबी रिश्ता है। कौन लेगा उनकी बातचीत गंभीरता से? वह एक महीने पहले भाजपा के साथ थे।