भागवत ने कांग्रेस के कई नेताओं की आलोचनाओं के बीच सात जून, 2018 को यहां रेशिमबाग मैदान में संघ के महत्वपूर्ण कार्यक्रम (तृतीय वर्ष प्रशिक्षण कार्यक्रम) में मुखर्जी के पधारने को याद किया। संघ प्रमुख ने कहा, ‘‘ जब वह अपना परिचय देने के लिए स्वयं आगे आये और खड़े होकर कहा कि ‘चूंकि हम सभी एक दूसरे को जानने के लिए एकत्रित हुए हैं, तो सबसे पहले मैं आपके सामने अपना परिचय दूं’ तब सभी उनकी सादगी और सौहार्द्रपूर्ण आचरण के कायल हो गये थे।’’ उन्होंने कहा कि मुखर्जी बहुत ही अनुभवी और ज्ञानवान व्यक्ति थे जो सभी के मार्गदर्शक थे। उन्होंने कहा, ‘‘ यदि हमें उनसे मिलने और बतियाने का मौका मिलता था तो हमें लगता था कि उनके साथ बातचीत करते रहें और उन्हें सुनते रहें।’’
भागवत ने कहा, ‘‘वह बहुत सफल राजनेता थे और उनकी बहुत सफल राजनीतिक यात्रा रही। वह सभी राजनीतिक रणनीतियां जानते थे लेकिन वह राजनीति से ऊपर उठे और सदैव उन्होंने राष्ट्रहित में सभी को अपना समझा। जब राजनीतिक टकराव होता था तो भी वह लोगों को एकसाथ लाते थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने एक विद्वान एवं देशभक्त खो दिया है जो मार्गदर्शन के सच्चे स्रोत थे। यह क्षति कभी भरी नहीं जा सकती है। प्रणब दा मुझ जैसे लोगों के जीवन में बहुत कम समय के लिए आये लेकिन वह हमेशा याद किये जाएंगे। हम दुख की इस घड़ी में उनके परिवार के साथ हैं।