By कमलेश पांडेय | May 06, 2021
कोरोना नामक विश्वव्यापी महामारी, जिसे कोविड 19 भी कहा जाता है, मानव सभ्यता व संस्कृति के लिए अभिशाप साबित हो रही है। इसके प्रथम लहर से निबटने के लिए मार्च-जून 2020 में सरकार ने जिस सोशल डिस्टेंसिंग यानी सामाजिक दूरी और लॉकडाउन यानी तालाबंदी का आह्वान किया था, उसने रोज कमाने-खाने वाले वर्ग सहित नौकरी पेशा वर्ग व कारोबारी जमात की आर्थिक रीढ़ ही तोड़कर रख दी। कोरोना काल में सरकारी कर्मी तो नियमित आमदनी को लेकर सुरक्षित रहे, लेकिन निजी कर्मियों के लिए कहीं घृत घना, कहीं मुट्ठी भर चना, कहीं वह भी मना वाली चरितार्थ हुई। लिहाजा, अपनी अवाम के हित संवर्धन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से विभिन्न प्रकार के राहत पैकेजेज का ऐलान किया गया, जिनपर आधारित पीएम स्वनिधि योजना भी एक है, जो रेहड़ी-पटरी दुकानदारों को फिर से अपने पैरों पर खड़े होने के लिए अभिप्रेरित करती है। एक अनुमान के मुताबिक, इस महत्वाकांक्षी योजना से 50 लाख स्ट्रीट वेंडरों को फायदा पहुंचाने की भागीरथ कोशिशें जारी हैं, जबकि सैकड़ों मामलों में सख्त बैंकिंग लोन कानूनों के चलते पूर्व से डिफॉल्टर लाभार्थियों को नाउम्मीदी भी हाथ लगी है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में विगत एक जून 2020 को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस जनकल्याण कारी योजना को हरी झंडी दी गई थी। जिसके तहत रेहड़ी-पटरी वाले दुकानदारों को 10 हजार रुपये की छोटी राशि का कर्ज बिना किसी गारंटर के ही उपलब्ध कराया जाता है। दूसरे शब्दों में, लॉकडाउन से पीड़ित रेहड़ी-पटरी, ठेले या सड़क किनारे दुकान चलाने वालों के लिए मोदी सरकार ने एक लोन स्कीम शुरू की है, जिसका नाम पीएम स्वनिधि योजना है।
बताया जाता है कि लॉकडाउन-तालाबंदी के कारण ऐसे दुकानदारों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा है। क्योंकि इनकी आजीविका पर सबसे ज्यादा मार पड़ी है। लिहाजा, इस स्कीम का मकसद रेहड़ी-पटरी और छोटी दुकान चलाने वालों को सस्ता कर्ज देना है जिसको पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि के नाम से भी जाना जाता है।
# पीएम स्वनिधि योजना अंतर्गत कितना मिलता है लोन?
पीएम स्वनिधि योजना के तहत अधिकतम 10 हजार रुपये तक का लोन बिना गारंटर के ही मिलता है, जो कारोबार को शुरू करने में मदद करता है। साथ ही, यह बेहद आसान शर्तों के साथ दिया जाता है। इसलिए इसे एक तरह का अनसिक्योर्ड लोन यानी असुरक्षित कर्ज करार दिया जाता है। लेकिन इस कर्ज ने लाखों लोगों की डूब चुकी जिंदगी को फिर से उबारने का कार्य किया है। इसके तहत सड़क किनारे, ठेले या रेहड़ी-पटरी पर दुकान चलाने वालों को यह कर्ज दिया जाता है। इसके अंतर्गत फल-सब्जी, लॉन्ड्री, सैलून और पान आदि की दुकानें भी शामिल की गई हैं। खास बात यह कि इन्हें चलाने वाले भी यह लोन ले सकते हैं।
सरकारी दिशानिर्देश के मुताबिक, इस योजना के तहत रियायती दरों पर कर्ज दिया जाता है। और समय से कर्ज का भुगतान करने वालों को ब्याज में भी खास छूट दी जाती है। इस स्कीम के लिए सरकारी आवंटन सुरक्षित रखा गया है। सरकार ने स्ट्रीट वेंडरों की मदद के खातिर इस योजना के लिए 5000 करोड़ रुपये की राशि आरक्षित रखी है, जिससे धड़ाधड़ लोन बांटे जा रहे हैं। इसके लिए कोई कड़ी शर्त भी नहीं होती है। शहरों में नगर निगम, डूडा, नगरपालिका, नगर पंचायत, नगर परिषद और ग्राम पंचायतों के माध्यम से अग्रसारित आवेदनों पर यह लोन बांटा जा रहा है। यह बात दीगर है कि कई आवेदक बैंकिंग दांव पेंचों की वजह से इस योजना का लाभ उठाने के लिए अपात्र करार दिए जा रहे हैं, जिसके चलते वो इस योजना के लाभ उठाने से वंचित रह चुके हैं।
केंद्र सरकार का मानना है कि इस योजना से 50 लाख स्ट्रीट वेंडरों को फायदा पहुंचने की उम्मीद है। वहीं, जानकार बताते हैं कि यह स्कीम ऐसे दुकानदारों की एक अन्य तरह से भी मदद करेगी। समझा जाता है कि यदि समय रहते ही पीएम स्वनिधि योजना की घोषणा न हुई होती तो आमतौर पर ऐसे लोग सूदखोरों की जाल में फंस जाते और सूदखोर उनको दी गई छोटी सी रकम के बदले उनसे जमकर मनमाफिक ब्याज वसूलते हैं। इस प्रकार कहा जा सकता है कि यह स्कीम उन्हें सूदखोरों के जाल से बचाएगी।
# पीएम स्वनिधि योजना के लिए ऐसे भरें फार्म और रखें दी हुई बातों का ख्याल
जहां तक इस योजना के लिए आवेदन करने की बात है तो आपको सबसे पहले योजना की आधिकारिक वेबसाइट http://pmsvanidhi.mohua.gov.in/ पर जाना होगा। इसके बाद आपके सामने कंप्यूटर स्क्रीन पर होम पेज खुल जाएगा। जिस पर 'प्लानिंग टू अप्लाई फॉर लोन?' दिखाई देगा। इसमें 3 स्टेप को ध्यान से पढ़ कर 'व्यू मोर' पर क्लिक करें। ऐसा करने पर आपको वो तमाम नियम और शर्तें डिटेल में दिखाई देंगी। इसी पेज पर आपको 'व्यू/डाउनलोड फॉर्म' पर क्लिक करना है। आपको यह पता होना चाहिए कि यह पहले पॉइंट के नीचे नीले रंग से हाईलाइट होता है। इसके बाद आपके सामने 'स्वनिधि स्कीम' का फॉर्म खुल जाएगा। यह फाइल पीडीएफ फॉर्मेट में होगी।
लिहाजा, एप्लीकेशन फॉर्म डाउनलोड करने के बाद आपको इस फॉर्म में पूछी गई सभी अद्यतन जानकारी ईमानदारी पूर्वक भरनी है, क्योंकि सरकारी अधिकारी आपके फॉर्म की स्क्रूटनी भी करेंगे। इसलिए सभी अपेक्षित व निर्देशित जानकारी भरने के बाद आपको एक एप्लीकेशन के साथ अपने सभी जरूरी दस्तावेजों को अटैच करना होगा। उसके बाद एप्लीकेशन फॉर्म को अधिकृत संस्थानों में जाकर जमा करना होगा।
आपको स्पष्ट कर दें कि यह लिस्ट भी आपको वहीं दिखेगी, जहां से आपने फॉर्म डाउनलोड किया है। कहने का तातपर्य यह कि होम पेज पर 'प्लानिंग टू अप्लाई फॉर लोन' सेक्शन में 'व्यू मोर' पर क्लिक करना होगा। उसके बाद, बाईं ओर 'लेंडर्स लिस्ट' का विकल्प दिखेगा। जिस पर क्लिक करने पर आपके सामने लोन देने वाले संस्थानों की सूची आए जाएगी। अब यह आप पर निर्भर है कि आप किसे प्राथमिकता देंगे और उसकी तकनीकी व कागजी अपेक्षाओं पर आप कितना खरा उतरेंगे।
- कमलेश पांडेय
वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार