नयी दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि उभरते क्षेत्रों को बढ़ावा देने वाली नई औद्योगिक नीति अगले साल की शुरूआत में जारी की जाएगी। प्रस्तावित नीति 1991 की औद्योगिक नीति में पूरी तरह बदलाव लाएगी। मंत्री ने बातचीत में कहा कि मसौदा नीति तैयार है और मंत्रालय की सभी संबद्ध पक्षों के साथ इस पर चर्चा के लिये बैठकें करने की योजना है। अन्य बातों के अलावा नीति में नियमन को कम करने के साथ उन उद्योग को दायरे में लाना है जिस पर फिलहाल जोर है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें नई औद्योगिक नीति में तीन चीजें करनी हैं। एक नियमन कम करना है क्योंकि सरकार उद्योग नहीं चला सकती है। दूसरा, मौजूदा उद्योग के आधुनिकीकरण को बढ़ावा देना है क्योंकि वे चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। और तीसरा, नये उभरते उद्योग पर गौर किया जाएगा जो आज नहीं दिखता।’’ मंत्री ने कहा कि कृत्रिम समझ जैसे उभरते क्षेत्रों का रोजगार पर पड़ने वाले प्रभाव तथा वे कैसे देश में काम करते हैं, इसको देखने की जरूरत है।'’
यह पूछे जाने पर कि नई नीति कब आएगी, उन्होंने कहा, ‘‘अगले साल आएगी।’’ औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग ने अगस्त में मसौदा नीति जारी की थी। इसमें अगले दो दशक तक रोजगार सृजन, विदेशी प्रौद्योगिकी हस्तांतरण तथा सालाना 100 अरब डालर एफडीआई हासिल करने का उद्देश्य रखा गया था।