पोंजी घोटाला मामले में गिरफ्तारियां सही: सीबीआई

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 18, 2017

कोलकाता। सीबीआई ने आज कहा कि रोज वैली पोंजी घोटाला मामले में तृणमूल कांग्रेस के दो नेताओं की गिरफ्तारी का नोटबंदी पर पार्टी के विरोध से कोई लेना-देना नहीं है और यह महज ‘‘संयोग’’ है। सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘रोज वैली घोटाले की जांच वर्ष 2014 में शुरू हुई। इस बड़े घोटाले में साक्ष्य जुटाने के लिए पर्याप्त समय की जरूरत है और यह नवंबर में नोटबंदी के फैसले के बहुत पहले शुरू हो गया था।’’

 

उन्होंने कहा, ‘‘नोटबंदी के बाद दो सांसदों की गिरफ्तारी का वक्त महज संयोग है और कुछ नहीं।’’ तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सदस्यों सुदीप बंदोपाध्याय और तापस पाल को सीबीआई ने रोज वैली घोटाले के सिलसिले में भुवनेश्वर में दर्ज शिकायतों के आधार पर गिरफ्तार किया। फिलहाल दोनों हिरासत में हैं। किसी का नाम लिए बगैर अधिकारी ने कहा कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्ष दोनों ही के कई बड़े नेता सीबीआई की जांच के दायरे में हैं।

 

सीबीआई अधिकारी ने कहा, ‘‘हम उन सभी से पूछताछ करेंगे जो रोज वैली समूह से जुड़े हुए थे या फिर जिन्हें इससे वित्तिय लाभ मिला है।’’ उन्होंने कहा कि रोज वैली घोटाला करीब 17,000 करोड़ रूपए का है जो सारदा चिटफंड के मुकाबले पांच गुना बड़ा है। सारदा और रोज वैली घोटालों में जांच की तुलना करते हुए, अधिकारी ने कहा कि दूसरे घोटाले की जांच करना आसान था क्योंकि सभी दस्तावेज मौजूद थे और बीच की कोई कड़ी गायब नहीं थी। घोटाले में एक लोकप्रिय अभिनेत्री की कथित संलिप्तता के संबंध में पूछने पर अधिकारी ने कहा कि अभी तक उनके खिलाफ कोई साक्ष्य सामने नहीं आया है।

 

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