न्यायाधीशों के लिए राजनीति प्रासंगिक नहीं, भारत की विविधता न्यायपालिका में दिखनी चाहिए: रमण

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 11, 2022

नयी दिल्ली| प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन. वी. रमण ने सोमवार को कहा कि न्यायाधीश बनने के बाद राजनीति प्रासंगिक नहीं होती और न्यायाधीशों का मार्गदर्शन संविधान ही करता है। उन्होंने कहा कि भारत की विशाल सामाजिक और भौगोलिक विविधता न्यायपालिका के सभी स्तरों पर प्रतिबिंबित होनी चाहिए क्योंकि इससे दक्षता में सुधार होगा।

न्यायमूर्ति रमण अमेरिका के उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति स्टीफन ब्रेयर के साथ द्वितीय तुलनात्मक संवैधानिक कानून परिचर्चा को संबोधित कर रहे थे। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि वह न्यायमूर्ति ब्रेयर के इस विचार से सहमत हैं कि ‘‘न्यायाधीश का काम राजनीतिक नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं वास्तव में न्यायमूर्ति ब्रेयर के इस कथन की सराहना करता हूं- न्यायाधीश का काम राजनीतिक नहीं है। यह वास्तव में एक अद्भुत कथन है। एक बार जब हमने संविधान की शपथ ले ली, एक बार जब आप न्यायाधीश के रूप में काम करना शुरू कर देते हैं, तो मुझे लगता है कि राजनीति अब प्रासंगिक नहीं है। यह संविधान है जो हमारा मार्गदर्शन करता है।

प्रमुख खबरें

खाते को सक्रिय घोषित करने के लिए गैर-वित्तीय लेनदेन पर भी विचार हो : SBI

IND vs AUS: एडिलेड टेस्ट में KL Rahul किस क्रम में करेंगे बल्लेबाजी, प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुद दिया चौंकाने वाला जवाब

RCB का कप्तान विराट कोहली नहीं बल्कि ये खिलाड़ी बनेगा, IPL 2025 में जीत सकते हैं खिताब

द रोशन्स: नेटफ्लिक्स ऋतिक रोशन और उनके परिवार की प्रतिष्ठित विरासत को स्क्रीन पर दिखाएगा