आपत्तिजनक व्यवहार, यौन उत्पीड़न के खिलाफ हमारी नीति ‘जीरो टॉलरेंस’ की है : DMRC

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 04, 2022

नयी दिल्ली। एक महिला द्वारा दिल्ली मेट्रो के एक स्टेशन पर उसके साथ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए जाने के एक दिन बाद डीएमआरसी ने शुक्रवार को कहा कि वह महिला यात्रियों की सुरक्षा को ‘बहुत गंभीरता’ से लेता है और इस संबंध में समुचित कार्रवाई के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ पूरा-पूरा सहयोग किया जा रहा है। डीएमआरसी ने अपने बयान में यह भी कहा है कि ‘‘किसी प्रकार के अश्लील/आपत्तिजनक व्यवहार या यौन उत्पीड़न के प्रति उसकी नीति जीरो टॉलरेंस’ की है और वह ‘‘सभी यात्रियों को हमेशा यात्रा के लिए सुरक्षित वातावरण मुहैया कराने को प्रतिबद्ध है।’’

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अधिकारियों ने बताया कि महिला द्वारा बृहस्पतिवार को जोर बाग मेट्रो स्टेशन पर एक व्यक्ति द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए जाने के बाद दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया है। महिला ने यह भी आरोप लगाया कि प्लेटफॉर्म के पास खड़े ‘पुलिसकर्मी’ से घटना के बाद मदद मांगने पर उसे मदद नहीं मिली। महिला ने अपने साथ हुई घटना के बारे में ट्विटर पर लिखा। महिला का आरोप है कि पीली लाइन पर स्थित जोर बाग मेट्रो स्टेशन पर बृहस्पतिवार दोपहर को एक व्यक्ति ने उसके साथ अश्लील हरकत की। महिला का दावा है कि स्टेशन पर उतरने पर एक व्यक्ति उससे पता पूछने आया।

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महिला ने ट्वीट में कहा है कि पता लिखी फाइल दिखाने के दौरान उक्त पुरुष ने अपने जननांग उसे दिखाए। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) द्वारा जारी बयान में कहा गया है, ‘‘दिल्ली मेट्रो अपनी महिला यात्रियों की सुरक्षा को बहुत गंभीरता से लेता है। कानून प्रवर्तन एजेंसियों की हर संभव मदद की जा रही है ताकि आवश्यक कार्रवाई की जा सके।’’ डीएमआरसी ने यह भी कहा कि उसने इस ‘‘मामले को संबंधित सुरक्षा एजेंसियों के समक्ष उठाया है। दिल्ली पुलिस ने इसपर संज्ञान लेकर शिकायत दर्ज कर ली है और मामले की जांच कर रही है।’’ अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली मेट्रो के परिसर और ट्रेनों के भीतर जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और घटना का फुटेज पुलिस के साथ साझा कर दिया गया है। वे लोग आगे की कार्रवाई कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सीसीटीवी कैमरों के अलावा दिल्ली मेट्रो की ट्रेनों में यात्री इमरजेंसी अलार्म भी लगा है जिसकी मदद से यात्री ट्रेन ऑपरेटर से बात कर सकते हैं। स्टेशनों पर रोशनी का पूरा इंतजाम है ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके और दिल्ली मेट्रो की हेल्पलाइन 155370 भी चौबीसों घंटे काम करती है।’’

दिल्ली मेट्रो के भीतर सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ (केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) की है, यह रेखांकित करते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा कि सीआईएसएफ के उच्चाधिकारियों से चर्चा की जा रही है कि आखिर इस मामले से दिल्ली पुलिस को पहले अवगत क्यों नहीं कराया गया? अपने ट्वीट में महिला ने यह भी आरोप लगाया कि जब उसने स्टेशन पर मौजूद अधिकारियों से शिकायत की तो उन्होंने महिला पर ही आरोप लगाया। महिला ने अपने ट्वीट में दावा किया है, ‘‘मैंने जब उनसे इसपर कार्रवाई करने को कहा तो उन्होंने कहा कि मुझे तभी शोर मचाना चाहिए था। अब जबकि वह (आरोपी) भाग गया है तो वे कुछ नहीं कर सकते हैं।’’

महिला का कहना है कि अब उसे घर से बाहर निकलने में भी डर लग रहा है और ‘‘इस घटना के बाद मेट्रो के सुरक्षित होने का उसका विश्वास भी टूट गया है।’’ महिला ने कहा कि यह आवश्यक है कि पूरा मामला डीएमआरसी और दिल्ली पुलिस सहित उचित अधिकारी तक पहुंचे ताकि उन्हें पता चले कि ‘‘सुरक्षा की स्थिति कितनी खराब है।’’ फरवरी, 2020 में एक महिला ने आरोप लगाया था कि मेट्रो ट्रेन के भीतर उसके साथ छेड़खानी हुई है, जिसके बाद मामला दर्ज किया गया था।

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