भाजपा की बंगाल इकाई के अध्यक्ष को हिंसा प्रभावित हावड़ा जिले में जाने से पुलिस ने रोका

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 11, 2022

कोलकाता। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को शनिवार को पुलिस ने हावड़ा जिले में कानून-व्यवस्था की मौजूदा स्थिति का हवाला देते हुए हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करने से रोक दिया। मजूमदार ने दावा किया कि पुलिस ने कोलकाता के उत्तरपूर्वी इलाके के न्यू टाउन में स्थित उनके आवास के बाहर अवरोधक (बैरिकेड्स) लगा दिए,जब वह हावड़ा जिले के लिए रवाना होने वाले थे।

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गौरतलब है कि भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा और निष्कासित नेता नवीन जिंदल द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी को लेकर शुक्रवार को हावड़ा जिले के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए। मजूमदार ने अपने घर के बाहर पत्रकारों से कहा मैं हावड़ा जिले के उन इलाकों का दौरा करने वाला था, जहां हमारे पार्टी कार्यालयों में तोड़फोड़ की गई और उन्हें आग के हवाले कर दिया गया। मैं जैसे ही निकलने वाला था, पुलिस ने मेरे घर के बाहर अवरोधक लगा दिए और मुझे घर से बाहर आने से रोक दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानना चाहता हूं कि किस नियम के तहत मुझे हावड़ा जाने से रोका जा रहा है।’’

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तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता और विधायक तापस राय ने आरोप लगाया कि उनकी यात्रा का इरादा सांप्रदायिक तनाव पैदा करना था। राय ने कहा पुलिस ने उन्हें रोककर सही काम किया। हालांकि, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष हावड़ा जिले में प्रवेश कर गए और उन्होंने उन क्षेत्रों का दौरा किया, जहां पार्टी के कार्यालयों पर हमला किया गया था। घोष ने कहा मैंने उन इलाकों का दौरा किया, जहां हमारी पार्टी के कार्यालयों में तोड़फोड़ की गयी थी। यहां की अराजक स्थिति प्रशासन की विफलता को दर्शाती है। जिले में शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था, इसके जवाब में प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया, कई पुलिस वाहनों में आग लगा दी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। जिले में 13 जून तक इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है। पंद्रह जून तक उलुबेरिया, डोमजूर और पंचला जैसे कई क्षेत्रों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गई है। प्रदर्शनकारियों द्वारा सड़क मार्ग और रेलवे मार्ग को अवरुद्ध करने से आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा था। हिंसा के कारण कई लोकल और एक्सप्रेस ट्रेन को रद्द करना पड़ा था।

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