By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 24, 2019
ह्यूस्टन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका में कश्मीरी पंडित समुदाय के शिष्टमंडल से यहां मुलाकात के दौरान जब उन्होंने उनके प्रति सहानुभूति जतायी और कहा कि ‘‘आपने बहुत झेला है’’ तो उन्होंने इस समुदाय का दिल और भरोसा दोनों जीत लिया। कई कश्मीरी पंडित ह्यूस्टन समेत अमेरिका के विभिन्न शहरों में बस गए हैं। रविवार को यहां आयोजित होने वाले ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम के लिए वे लोग यहां आये थे, इस कार्यक्रम में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम के इतर कश्मीरी पंडित समुदाय से मुलाकात की।
अमेरिका स्थित गैर लाभकारी सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठन कश्मीरी ओवरसीज एसोसिएशन के अध्यक्ष शकुन मलिक ने बताया, ‘‘देश की आजादी के 70 साल में अथवा बड़े पैमाने पर (कश्मीरी पंडितों के) पलायन के लिए मजबूर किये जाने के 30 साल बाद यह पहला मौका है जब भारत के किसी प्रधानमंत्री ने अपनी ही जमीन पर शरणार्थी बन कर रहे गए कश्मीरी पंडित समुदाय की समस्याओं और मुद्दों के समाधान की इच्छा जाहिर की है और इस पर चिंता जतायी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘केओए के पास कश्मीरी पंडित विरासत को बढ़ावा देने और संरक्षित करने तथा जरूरतमंद और योग्य कश्मीरी पंडितों, शैक्षणिक संस्थानों और पूजा स्थलों को आर्थिक सहायता प्रदान करने का एक मिशन है।’’
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मलिक ने कहा कि केओए और अन्य समान विचारधारा वाले समूहों के प्रयासों को जानकारी के अभाव वाले कुछ प्रेसकर्मियों और अन्य संस्थाओं की तरफ से विरोध किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘अफवाह फैलाने वाले और गलत जानकारी वाले कुछ प्रेसकर्मी की तरफ से अनुच्छेद 370 के बारे में बड़े पैमाने पर गलत सूचना दी जा रही है और भ्रम तथा भय फैलाया जा रहा है। इसलिए हमारा हालिया रुख कश्मीर के बारे में लोगों को शिक्षित करने और तथ्यों को सामने लाने का है।’’ कश्मीरी पंडितों की योजना 16 अक्टूबर को अमेरिकी कांग्रेस को जानकारी देने कीतथा 19 अक्टूबर को कश्मीर पर केओए की एक संगोष्ठी आयोजित करने की है। मलिक ने बताया कि कश्मीरी पंडितों के शिष्टमंडल में सात महिलायें और आठ पुरूष शामिल थे। ये सभी लोग कमश्मीरी पंडितों के लिए काम करने वाले विभिन्न संगठनों से थे।