By अभिनय आकाश | Jul 18, 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय नौसेना द्वारा आयोजित नौसेना नवाचार और स्वदेशीकरण संगठन (एनआईआईओ) 'स्वावलंबन' में हिस्सा लेने पहुंचे। पीएम मोदी ने एनआईआईओ संगोष्ठी 'स्वावलंबन' को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय सेनाओं में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य, 21वीं सदी के भारत के लिए बहुत जरूरी है। आत्मनिर्भर नौसेना के लिए पहले स्वावलंबन सेमिनार का आयोजन होना, इस दिशा में अहम कदम है। नौसेना के लिए 75 स्वदेशी प्रौद्योगिकियों का निर्माण एक तरह से पहला कदम है। हमें इनकी संख्या को लगातार बढ़ाने के लिए काम करना है। आपका लक्ष्य होना चाहिए कि भारत जब अपनी आजादी के 100 वर्ष का पर्व मनाए, उस समय हमारी नौसेना एक अभूतपूर्व ऊंचाई पर हो।
अपनी पब्लिक सेक्टर डिफेंस कंपनियों को हमने अलग-अलग सेक्टर में संगठित कर उन्हें नई ताकत दी है। आज हम ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि आईआईटी जैसे अपने प्रमुख संस्थान को भी हम रक्षा अनुसंधान और नवाचार से कैसे जोड़ें। बीते दशकों की अप्रोच से सीखते हुए आज हम सबका प्रयास की ताकत से नए रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र का विकास कर रहे हैं। आज रक्षा अनुसंधान एवं विकास को निजी क्षेत्र, शिक्षाविद, एमएसएमई और स्टार्ट-अप के लिए खोल दिया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बीते 8 वर्षों में हमने सिर्फ रक्षा क्षेत्र का बजट ही नहीं बढ़ाया है, ये बजट देश में ही रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में भी काम आए, ये भी सुनिश्चित किया है। रक्षा उपकरणों की खरीद के लिए तय बजट का बहुत बड़ा हिस्सा आज भारतीय कंपनियों से खरीद में ही लग रहा है।