By अंकित सिंह | Sep 29, 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात के भावनगर में हैं। यहां उन्होंने कई परियोजनाओं की आधारशिला रखी और विकास कार्यो को समर्पित किया। इस दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि एक तरफ देश जहां आज़ादी के 75 वर्ष पूरे कर चुका है, वहीं इस साल भावनगर अपनी स्थापना के 300 वर्ष पूरे करने जा रहा है। 300 वर्षों की अपनी इस यात्रा में भावनगर ने सतत विकास की, सौराष्ट्र की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि भावनगर समंदर के किनारे बसा जिला है। गुजरात के पास देश की सबसे लंबी कोस्टलाइन है। लेकिन आजादी के बाद के दशकों में तटीय विकास पर उतना ध्यान ना दिए जाने की वजह से, ये विशाल कोस्टलाइन एक तरह से लोगों के लिए बड़ी चुनौती बन गई थी।
पीएम मोदी ने साफ तौर पर कहा कि विज्ञापनों के पीछे पैसे बहाने की बजाय बहुत सारे काम हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी प्रेरणा और लक्ष्य सत्ता सुख नहीं रहा है। हम तो हमेशा सत्ता को सेवा का माध्यम मानते हैं। यही कारण है कि हमारा सेवा का यज्ञ चल रहा है। मोदी ने कहा कि हम वचन के पक्के लोग है। उन्होंने कहा कि बीते 2 दशकों में गुजरात की कोस्टलाइन को भारत की समृद्धि का द्वार बनाने के लिए हमने ईमानदारी से प्रयास किया है। गुजरात में हमने अनेकों पोर्ट्स विकसित किए, बहुत से पोर्ट्स का आधुनिकीकरण कराया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज गुजरात की कोस्ट लाइन, देश के आयात-निर्यात में बहुत बड़ी भूमिका निभाने के साथ ही लाखों लोगों को रोजगार का माध्यम भी बनी है। आज गुजरात की कोस्टलाइन, नवीकरणीय ऊर्जा और हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र का पर्याय बनकर उभर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भावनगर का ये पोर्ट आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में बड़ी भूमिका निभाएगा और रोजगार के सैकड़ों नए अवसर यहां बनेंगे। यहां भंडारण, ट्रांसपोर्टेशन और लॉजिस्टिक्स से जुड़े व्यापार-कारोबार का विस्तार होगा। उन्होंने कहा कि एक तरफ वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ रही है और दूसरी तरफ दुनिया भी कंटेनर्स के मामले में भरोसेमंद सप्लायर की तलास में है। पूरी दुनिया को लाखों कंटेनर की जरूरत है। भावनगर में बनने वाला कंटेनर आत्मनिर्भर भारत को भी ऊर्जा देंगे और यहां रोजगार के नए अवसर भी बनाएंगे। मोदी ने कहा कि हमारे प्रयासों से इस क्षेत्र में सिर्फ आना-जना, ट्रांसपोर्टेशन ही नहीं, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिला है। अपनी समुद्री विरासत को सहेजकर, उसको पर्यटन की ताकत बनाने पर गुजरात के तटीय क्षेत्रों में अभूतपूर्व काम हो रहा है। मोदी ने कहा कि लोथल हमारी विरासत का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है, जिसको पूरी दुनिया के पर्यटन नक्शे पर लाने के लिए बहुत परिश्रम किया जा रहा है। लोथल के साथ वेलावदर नेशनल पार्क में इको टूरिज्म से जुड़े सर्किट का लाभ भी भावनगर को होने वाला है, विशेष रूप से छोटे बिजनेस को होने वाला है।