By अंकित सिंह | Feb 25, 2023
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 'बरिसू कन्नड़ दिम दिमावा' सांस्कृतिक उत्सव का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज दिल्ली कर्नाटक संघ के 75 वर्षों का यह उत्सव ऐसे समय में हो रहा है जब देश भी आजादी के 75 वर्ष का 'अमृत महोत्सव' मना रहा है। उन्होंने कहा कि जब हम 75 वर्ष पहले की परिस्थितियों को देखते हैं और आंकलन करते हैं तो इस प्रयास में हमें भारत की अमर आत्मा के दर्शन होते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि आज आजादी के अमृतकाल के पहले प्रहर में देश की वो ऊर्जा और समर्पण उतना ही जीवंत नजर आता है। मैं इस अवसर पर इस संघ का सपना देखने वाली और साकार करने वाली सभी महान विभूतियों को नमन करता हूं।
मोदी ने कहा कि मैं कर्नाटक के लोगों को भी राष्ट्र निर्माण के उनके प्रयासों के लिए प्रणाम करता हूं। उन्होंने कहा कि भारत की परंपराएं हों या भारत की प्रेरणाएं, हम कर्नाटक के बिना भारत को परिभाषित नहीं कर सकते! मोदी ने कहा कि पौराणिक काल से भारत में कर्नाटक की भूमिका तो हनुमान की रही है। हनुमान के बिना न राम होते हैं, न रामायण बनती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि युग परिवर्तन का कोई मिशन अगर अयोध्या से शुरू होकर रामेश्वरम जाता है, तो उसको ताकत कर्नाटक में ही मिलती है। मोदी ने कहा कि हमारे आदर्श G20 प्रेसीडेंसी के हमारे मार्ग में मार्गदर्शक रोशनी रहे हैं। हम 'लोकतंत्र की जननी' के रूप में दुनिया के सामने खड़े हैं। हमारे लोकतांत्रिक मूल्य पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे लंदन में भगवान बसवेश्वर की प्रतिमा का अनावरण करने का सौभाग्य मिला है; उनकी शिक्षाओं को विभिन्न भाषाओं में भी उपलब्ध कराया गया। यह सब दर्शाता है कि न केवल कर्नाटक की परंपरा और मूल्य, बल्कि उनका प्रभाव भी अमर है। कर्नाटक परंपराओं की धरती भी है और टेक्नालजी की धरती भी है। यहां ऐतिहासिक संस्कृति भी है और आधुनिक कृत्रिम बुद्धि भी है।