By अभिनय आकाश | Oct 26, 2022
श्री विजय वल्लभ सूरीश्वर जी महाराज को उनकी जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की पुरातन परंपरा, भारत का दर्शन और आज के भारत का सामर्थ्य विश्व के लिए बड़ी उम्मीद बन रहा है। आचार्य का दिखाया रास्ता जैन गुरूओं की सीख इन वैश्विक संकटों का समाधान है। शांति और सौहार्द के लिए उनका आग्रह विभाजन की विभीषिका के दौरान भी स्पष्ट रूप से दिखा। भारत विभाजन के कारण आचार्य श्री को चातुर्मास का व्रत भी तोड़ना पड़ा था।
पीएम मोदी ने कहा कि आचार्य ने अपरिग्रह का जो रास्ता बताया, आजादी के आंदोलन में महात्मा गांधी ने भी उसे अपनाया। अपरिग्रह केवल त्याग नहीं है बल्कि हर प्रकार के मोह पर नियंत्रण रखना भी अपरिग्रह है। अपनी परंपरा, संस्कृति के लिए इमानदारी से कार्य करते हुए सबके कल्याण के लिए बेहतर काम किया जा सकता है। आज आचार्य श्री विजय वल्लभ सुरीश्वर जी को समर्पित स्मारक, डाक टिकट और सिक्के का विमोचन हुआ है, इसलिए मेरे लिए यह अवसर दोहरी खुशी लेकर आया है, स्मारक, डाक टिकट और सिक्के का विमोचन एक बहुत महत्वपूर्ण प्रयास है।