By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 27, 2020
नयी दिल्ली। भारत में कोरोना संकट से निपटने के लिये घोषित 40 दिन के लॉकडाउन के अंतिम सप्ताह में प्रवेश करने पर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कोरोना के खिलाफ देशव्यापी अभियान को जारी रखने के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने पर भी समान रूप से ध्यान देने को जरूरी बताया। मोदी ने कोरोना वायरस के संक्रमण की मौजूदा स्थिति और संक्रमण पर नियंत्रण के लिये जारी लॉकडाउन से देश को चरणबद्ध तरीके से बाहर लाने के उपायों पर चर्चा के लिये आहूत वीडियो कांफ्रेंसिंग बैठक में मुख्यमंत्रियों से यह बात कही। सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसारबैठक शुरु होने पर प्रधानमंत्री ने देश में कोरोना महामारी की मौजूदा स्थिति से मुख्यमंत्रियों को अवगत कराया। उन्होंने मुख्यमंत्रियों से राज्यों में चिन्हित किये गये संक्रमण से प्रभावित हॉटस्पॉट इलाकों में स्थिति को नियंत्रित करने के लिये केन्द्र सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराने को कहा। मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि कोविड-19 का खतरा दूर-दूर तक खत्म होने वाला नहीं है, इसलिए लगातार चौकस बने रहना बहुत अहम है। देश में कोरोना संकट की शुरुआत के बाद 22 मार्च से अब तक संक्रमण की स्थिति की समीक्षा के लिये प्रधानमंत्री मोदी, राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चार बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक कर चुके हैं। बयान के अनुसार, बैठक में मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा, ‘‘हमें कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के साथ अर्थव्यवस्था को भी समान रूप से अहमियत देने की जरूरत है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि मार्च के शुरुआती दिनों में इस संकट के गहराने पर भारत और अन्य देशों में संक्रमण की स्थिति लगभग समान थी, लेकिन भारत में समय से उठाये गये कारगर कदमों के कारण देश में हजारों लोगों की जीवन रक्षा की जा सकी है। उन्होंने हालांकि स्थिति की गंभीरता को देखते हुये राज्य सरकारों से लगातार सचेत रहने की जरूरत पर बल देते हुये कहा कि भविष्य में गर्मी तथा मानसून के मौसम की आसन्न स्थितियों को देखते हुयेसंक्रमण के खतरे के प्रति बेहद सावधान रहना होगा। मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि कोविड-19 का जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रभाव आने वाले महीनों में दिखेगा। उन्होंने कहा कि इससे बचने के लिये इस्तेमाल हो रहे मास्क और चेहरा ढंकने वाला गमछा आदि अब जीवन का हिस्सा बन जायेंगे। उन्होंने लोगों से एक दूसरे के बीच की दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) को बरकरार रखने के लिये विशेषज्ञों द्वारा सुझाये गये ‘दो गज की दूरी’ के नियम को जनता के बीच पहुंचाने का मुख्यमंत्रियों से आह्वान किया। बयान के अनुसार बैठक में प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्रियों ने आर्थिक चुनौतियों से निपटते हुए स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के तरीकों पर भी चर्चा की। बैठक में मुख्यमंत्रियों ने संकट के इस दौर में प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व की सराहना करते हुये उनके राज्य में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिये किये जा रहे उपायों की जानकारी दी।
बैठक में संगमा ने राज्य में तीन मई के बाद भी लॉकडाउन को जारी रखने की बात कही है। संगमा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा आहूत वीडियो कांफ्रेंस बैठक में हमने कोरोना से अप्रभावित मेघालय के ग्रीन जोन क्षेत्रों के जिलों में तीन मई के बाद आंशिक छूट देने के अलावा राज्य के शेष इलाकों में लॉकडाउन जारी रखने की बात कही है।’’ सीमावर्ती राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर निरंतर निगरानी को चाकचौबंद करने का परामर्श दिया। इस बीच केरल के मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य के मुख्यमंत्री पी विजयन ने बैठक में सिर्फ नौ राज्यों के मुख्यमंत्रियों को ही उनके राज्य की स्थिति बताने का अवसर देने के कारण बैठक में हिस्सा नहीं लिया। मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि गृह मंत्री शाह ने रविवार को विजयन से बात करके सोमवार की बैठक के लिये उनसे सुझाव मांगे थे। मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक राज्य सरकार की ओर से केन्द्र सरकार को सुझाव भेज दिये गये। बैठक में शाह ने मुख्यमंत्रियों से लॉकडाउन का पालन सुनिश्चित करने की जरूरत पर बल देते हुये कहा कि ऐसा करने पर लोगों के जीवन की सुरक्षा की जा सकती है।