नयी दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लद्दाख में गतिरोध से जुड़े प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बयान को लेकर मंगलवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने चीन के रुख को स्वीकार करके हमारी सेना के साथ विश्वासघात किया और भारत के रुख को नष्ट कर दिया। उन्होंने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में यह भी कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए 20 जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाए।
गांधी ने आरोप लगाया, ‘‘चीन ने बड़ी ढिठाई से हमारे क्षेत्र पर कब्जा कर लिया। प्रधानमंत्री ने चीन के इस रुख को स्वीकार करके हमारे रुख को नष्ट कर दिया और हमारी सेना के साथ विश्वासघात किया कि कोई भारतीय क्षेत्र उनके कब्जे में नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ चीन को हमारी भूमि पर कब्जा करके निकल जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। यह सुनिश्चित करने के लिए सब कुछ किया जाना चाहिए कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाए।’’ कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘ चीन की इस हरकत का एक कारण हमारी विदेश नीति की पूरी तरह नाकामी है। प्रधानमंत्री ने कूटनीति के स्थापित संस्थागत ढांचे को ध्वस्त कर दिया। कभी पड़ोसियों के साथ मित्रवत रहे संबंध अब तनाव में हैं। अपने साझेदार देशों के साथ हमारा संबंध बाधित हो गया है।’’
उन्होंने कहा कि भारत को अमेरिका और अन्य देशों के साथ अच्छे संबंध का निर्माण करना चाहिए और साथ ही अपने पुराने मित्रों के साथ अच्छे रिश्ते बरकरार रखने चाहिए। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-चीन संघर्ष के विषय पर गत शुक्रवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कहा था कि न कोई हमारे क्षेत्र में घुसा और न ही किसी ने हमारी चौकी पर कब्जा किया है। उनके इस बयान को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय ने शनिवार को कहा था कि सर्वदलीय बैठक में मोदी की टिप्पणियों की कुछ हलकों में ‘‘शरारतपूर्ण व्याख्या’’ की कोशिश की जा रही है।