लोकसभा चुनाव से पहले एक निजी चैनल से बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता के मन में उठने वाले हर सवाल का जवाब दिया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा। नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज देश को पहली बार पता चला है कि कांग्रेस की सोच वाली सरकार और बिन कांग्रेस की सोच वाली सरकार में क्या अन्तर है। उन्होंने कांग्रेस के घोषणापत्र से जुड़े सवाल पर कहा कि 60 साल से भी अधिक साल तक देश पर कांग्रेस ने राज किया है, उनके पास अनुभवी नेता हैं, सरकार की बारीकियों को जानते हैं। ऐसे समय में कांग्रेस से एक मैच्योर घोषणापत्र की अपेक्षा होना बहुत स्वाभाविक है। लेकिन उन्होंने सबको निराश किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जैसी पार्टी राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर घोषणापत्र में ऐसी बात कर रही है। देश की सेना को इतना जलील करें, बलात्कार के आरोप वाली बातें करें, ऐसा उन्हें शोभा देता है क्या? PM ने कहा कि जो सेपरेटिस्ट लोग भाषा बोलते हैं, जो पाकिस्तान स्पॉन्सर्ड भाषा है। उस भाषा की अगर कांग्रेस घोषणापत्र में बू आती है, तो देश के सुरक्षाबलों के जवानों को आप कितना डिमोरलाइज कर रहे हैं।
AFSPA पर पूछे गए सवाल के जवाब में मोदी ने कहा कि हम ऐसा हिन्दुस्तान चाहते हैं जिसमे AFSPA हो ही ना। लेकिन उससे पहले उस स्थिति का निर्माण तो किया जाना चाहिए, जिससे इसकी आवश्यकता ही ना पड़े। बालाकोट के बारे में बात करते हुए मोदी ने कहा कि पहली बात तो बालाकोट पर सबसे बड़ा सबूत पाकिस्तान ने ट्वीट करके दिया, उन्होंने ही बयान दिया कि भारतीय सेना यहां आई और हमला करके गयी। कितने मरे, कौन मरे अब इसपर अगर कोई विवाद कर रहा है, तो उसे करने दें। उन्होंने कहा कि बालाकोट में हमारे जवानों की जिंदगी दांव पर लगी थी, तो मैं कैसे सो सकता हूं। सुबह उन्होंने 3.40 पर मुझे बताया की सब हो गया है। लेकिन मैं उसके बाद भी नहीं सोया और सोशल मीडिया पर देखने लगा की क्या दुनिया में इसपर कोई हलचल हुई है या नहीं।
उमर अब्दुल्ला पर निशाना साधने हुए PM ने कहा कि वो कहते हैं कि देश में दो प्रधानमंत्री होने चाहिए। अब कांग्रेस पार्टी को जबाव देना पड़ेगा कि आपका साथी कह रहा है कि दो प्रधानमंत्री होने चाहिए तो आपका स्टैंड क्या है? एनसी का एक कैंडिडेट कहता है कि अगर कोई पाकिस्तान को गाली देगा तो मैं हिंदुस्तान को सौ गाली दूंगा। उसके साथ कांग्रेस पार्टी चुनाव में भागीदार है, ये महामिलावट है। राहुल गांधी के वायनाड से चुनाव लड़ने पर मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में कोई भी कहीं से भी चुनाव लड़ सकता है। मोदी चुनाव हारे या जीते ये निर्णय जनता को लेना है। जब पहली बार मैं बनारस से चुनाव लड़ा, तो वहां की सरकार ने तो मुझे पब्लिक मीटिंग करने तक की परमिशन नहीं दी थी। लेकिन जनता ने मुझे जीता दिया।
बाबा साहब अंबेडकर का हवाला देते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने पंजाब और पुणे में कहा था कि वंशवाद लोकतंत्र के लिए खतरा है। तब तो मैं पैदा भी नहीं हुआ था। उस विचार के व्यक्ति ने देश को संविधान दिया है। उसी अर्थ में मैं कहता हूं कि लोकतंत्र में वंशवाद उचित नहीं है। जब मोदी से यह पूछा गया कि आप राहुल गांधी का नाम क्यों नहीं लेते है तो उन्होंने कहा कि मैं बहुत सामान्य परिवार से आया हूं। चाय बेचने वाला परिवार से आया एक कामदार व्यक्ति हूं। ये बड़े बड़े नामदार हैं। हम उनका नाम लेने की हिम्मत ही नहीं कर सकते। उन्होंने आगे कहा कि गाली को गहना बनाना मेरी ताकत है क्योंकि मैं तलवार की नोंक पर चलने वाला इंसान हूं और मुझे मालूम है कि झूठ -झूठ होता है और उस झूठ का जवाब कैसे देना है। गाली को गहना बनाने के लिए अपने भीतर हिम्मत होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं कहीं भी एंटी इंकम्बैंसी इस चुनाव में नहीं देख रहा हूं। बल्कि इसबार प्रो गवर्नमेंट लहर पहली बार इस देश में चल रही है।