By अंकित सिंह | Oct 04, 2022
बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर जबरदस्त तरीके से सक्रिय नजर आ रहे हैं। इन सब के बीच प्रशांत किशोर ने जदयू के आरोपों पर पलटवार किया है। प्रशांत किशोर ने साफ तौर पर कहा है कि नीतीश कुमार ने 10-15 दिन पहले उनसे फिर से साथ आने के लिए कहा था और काम संभालने के लिए कहा था। लेकिन मैंने उनका यह ऑफर ठुकरा दिया था। कभी जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके प्रशांत किशोर इन दिनों नीतीश कुमार पर जबरदस्त तरीके से हमलावर हैं। वह बिहार में परिवर्तन लाने के लिए जन सुराज यात्रा निकाल रहे हैं। आज उनकी यात्रा का तीसरा दिन है। प्रशांत किशोर की ओर से 3500 किलोमीटर की लंबी यात्रा निकाली जा रही है। वहीं, प्रशांत किशोर ने ललन सिंह के आरोपों का भी जवाब दिया।
दरअसल, ललन सिंह ने कहा था कि प्रशांत किशोर को भाजपा फंड दे रही है। इसी के जवाब में प्रशांत किशोर ने कहा है कि जिन लोगों के साथ वह काम कर चुके हैं उनसे हमने कोई पैसा नहीं लिया है। प्रशांत किशोर ने साफ तौर पर कहा है कि मैंने अपनी प्रतिभा की बदौलत 10 साल से काम किया है। मैं कोई दलाली नहीं करता। उन्होंने कहा कि मेरा एक मिशन है और अब इससे समझौता नहीं कर सकता और ना ही मैं पीछे लौट सकता हूं। आपको बता दें कि पिछले दिनों नीतीश कुमार से प्रशांत किशोर के मुलाकात जरूर हुई थी। इसी के बाद से दोनों को लेकर लगातार कई कयास लगाए जा रहे थे। माना जा रहा है कि अपनी यात्रा की समाप्ति के बाद प्रशांत किशोर राजनीतिक दल का ऐलान करेंगे।
जदयू का आरोप
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने किशोर की राज्यव्यापी ‘‘पदयात्रा’’ की निंदा करते हुए कहा था कि बिहार के लोग जानते हैं कि नीतीश कुमार के शासन में कितनी प्रगति हुई है। हमें प्रशांत किशोर से प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है। हालांकि किसी भी अन्य नागरिक की तरह वह मार्च या प्रदर्शन करने के लिए स्वतंत्र हैं।’’ उन्होंने यह भी कहा कि किशोर अपने अभियान को चाहे कोई भी नाम दें लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि वह भाजपा की ओर से काम कर रहे हैं। ललन ने कहा कि अच्छी तरह से स्थापित राजनीतिक दलों को कितनी बार पूरे पृष्ठ का विज्ञापन देते हुए देखा गया है।