By Kusum | Nov 25, 2024
टीम इंडिया ने पर्थ टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिाय को 295 रनों से हराकर 5 मैचों की सीरीज में शानदार शुरुआत की। ऑस्ट्रेलिया जाने से पहले भारत को जिस तरह न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने घर पर हार का मुंह देखना पड़ा उसके बाद इस तरह का कमबैक भारत के लिए बेमिसाल है।
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के शुरू होने से पहले ही टीम इंडिया को कई बुरी खबरें मिली थीं। जहां टीम के कप्तान रोहित शर्मा इस मैच के लिए उपलब्ध नहीं थे। वहीं युवा सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल को भी वॉर्म अप मैच के दौरान चोट लग गई थी। अनुभवी तेज गेंदबाज शमी भी चोट के कारण दौरे के लिए नहीं चुने गए थे। तो प्लेइंग इलेवन में रविंद्र जडेजा और अश्विन जैसे अनुभवी स्पिनर भी नहीं थे। इसके बावजूद भारत ने पर्थ में ऐतिहासिक जीता हासिल की।
वहीं टीम इंडिया के जीत में सबसे अहम भूमिका कप्तान जसप्रीत बुमराह ने निभाई। बुमराह ने 8 विकेट लेकर गेंदबाजी से तो कमाल किया ही साथ ही कप्तानी से भी जीत में अहम रोलि निभाया। टॉस जीतने के बाद पहले बल्लेबाजी का उनका ही फैसला था जो कि सही साबित हुआ। उन्होंने सही समय पर गेंदबाजों को रोटेट किया और सही समय पर दूसरा पारी घोषित की।
साथ ही इस मैच में टीम इंडिया की तरफ से युवा खिलाड़ियों ने बखूबी जिम्मेदारी निभाई। यशस्वी जायवाल ने दूसरी पारी में शानदार प्रदर्शन करते हुए केएल राहुल के साथ टीम को मजबूत करने के लिए बेजोड़ पार्टनरशिप की। तो हर्षित राणा और नितीश रेड्डी को भी इस मैच के लिए डेब्यू का मौका मिला। जिन्होंने खुद को शानदार प्रदर्शन के बलबूते साबित किया।
हर्षित राणा और नीतीश रेड्डी दोनों ही पहले टेस्ट में बेहद प्रभावी रहे। जहां हर्षित राणा ने ट्रेविस हेड जैसे बेहतरीन बल्लेबाज को पवेलियन भेज कर टीम इंडिया को मजबूती दिलाई। तो नीतीश रेड्डी ने अपे डेब्यू में पर्थ जैसे तेज और उछाल वाली विकेट पर गजब का जिगरा दिखाया।
इसके अलावा टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज विराट कोहली का फॉर्म में लौटना भी जीत का अहम कारण रहा। लंबे समय से शतक के लिए तरस रहे कोहली ने पर्थ में दूसरी पारी में शतक ठोक कर ना सिर्फ भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई बल्कि उन्होंने अपने आलोचकों का भी मुंह बंद करने का काम किया।