DMK नेता A Raja के विवादित बयान के बाद Supreme Court में याचिका दायर, कुष्ट और HIV से की सनातन धर्म की तुलना

By रितिका कमठान | Sep 07, 2023

चेन्नई। द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के उप महासचिव एवं लोकसभा सदस्य ए. राजा ने सनातन धर्म पर विवादित टिप्पणी की है। अब उनके व एमके स्टालिन के बेटे और डीएमके नेता उदयनिधि के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली गई है। ये याचिका विनित जिंदल ने डाली है।

 

याचिकाकर्ता विनीत जिंदल का कहना है कि सनातन धर्म को खत्म करने के संबंध में उदयनिधि स्टालिन ने बयान दिया है। मगर तमिलनाडु पुलिस ने उनपर कोई कार्रवाई नहीं की है। इस मामले में दिल्ली में भी शिकायत दर्ज हुई है मगर एफआईआर नहीं की गई है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट सभी राज्यों को बोल चुका है कि नफरत फैलाने वाले बयानों पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने डीएमके नेता उदयनिधि का जिक्र  करते हुए कहा कि उनपर भी मुकदमा नहीं हुआ जो की सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अवहेलना है। याचिका में उन्होंने दोनों नेताओं के बयान का जिक्र किया और मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।

 

ये है मामला

बता दें कि डीएमके नेता ए राजा ने सनातन धर्म की तुलना कुष्ठ रोग और एचआईवी जैसी बीमारियों से की है। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान केंद्रीय मंत्री रहे राजा ने कहा कि तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणी काफी मामूली थी और उन्होंने केवल यह कहा था कि सनातन धर्म को डेंगू और मलेरिया की तरह खत्म किया जाना चाहिए, जिसमें कोई सामाजिक कलंक नहीं है। उन्होंने बुधवार को कहा, ‘‘यदि सनातन धर्म पर घृणित शब्दों में टिप्पणी की जाये; एक समय कुष्ठ रोग और एचआईवी को कलंक माना जाता था और जहां तक हमारा सवाल है, इसे (सनातन) एचआईवी और कुष्ठ रोग की तरह माना जाना चाहिए जिस पर सामाजिक कलंक था।’’ 

 

उन्होंने कहा, ‘‘उदयनिधि की टिप्पणी मामूली थी और यदि आप मुझसे पूछेंगे तो मैं कड़ी टिप्पणी करूंगा।’’ राजा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सनातन धर्म का पालन करने की वकालत करते हैं और यदि उन्होंने इसका पालन किया होता, तो उन्होंने इतने सारे विदेशी देशों का दौरा नहीं किया होता। राजा ने कहा, ‘‘एक अच्छे हिंदू को समुद्र पार करके दूसरे देश में नहीं जाना चाहिए। आपका (मोदी) काम जगह-जगह जाना है।’’ उन्होंने कहा कि मोदी ने सनातन धर्म के सिद्धांतों का उल्लंघन किया और विदेशों का दौरा किया और अब वह इसकी रक्षा करने का दावा कर रहे हैं जो एक धोखा है। द्रमुक के वरिष्ठ नेता ने मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को दिल्ली में शंकराचार्यों की उपस्थिति में वर्णाश्रम और सनातन धर्म पर बहस करने की अपनी चुनौती दोहराई। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं से राष्ट्रीय राजधानी में बहस की तारीख तय करने को कहा और कहा कि वह इसमें भाग लेंगे।

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