By अनुराग गुप्ता | Apr 14, 2020
कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहे देश के सामने लगातार चुनौतियां खड़ी हो रही हैं। पहले से ही दबाव झेल रहे ऑटोमोबाइल सेक्टर का हाल बुरा है। ऊपर से वाहनों की बिक्री में 51 फीसदी की गिरावट भी दर्ज की गई है।
बिक्री में आई गिरावट
कोरोना के चलते देश में लॉकडाउन लागू है। आवश्यक सेवाओं की गाड़ियों के अलावा सभी गाड़ियां सड़कों से नदारद हैं और यहां तक की सभी दफ्तर भी बंद हैं। जिसके चलते वाहनों की बिक्री में काफी गिरावट देखी गई है। वाहन विनिर्माताओं के संगठन सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स (सियाम) ने कहा कि मार्च में यात्री वाहनों की बिक्री 1,43,014 वाहन रही। यह पिछले साल मार्च के 2,91,861 वाहनों की बिक्री के मुकाबले 51 प्रतिशत कम है।
इसी तरह वाणिज्यि वाहनों की बिक्री अवधि में 88.95 प्रतिशत घटकर 13,027 वाहन रही जो इससे पिछले साल मार्च में 1,09,022 वाहन थी। दोपहिया वाहनों की बिक्री भी मार्च में गिरी है। समीक्षावधि में इसकी कुल 8,66,849 इकाइयां बिकीं जो मार्च 2019 की 14,40,593 इकाइयों के मुकाबले 39.83 प्रतिशत कम है। सभी श्रेणियों के वाहनों की बिक्री समीक्षावधि में 44.95 प्रतिशत घटकर 10,50,367 वाहन रही। मार्च 2019 में यह आंकड़ा 19,08,097 वाहन था।
राहत पैकेज की उम्मीद
कोरोना वायरस महामारी के कारण प्रतिकूल परिस्थितियों से जूझ रहे वाहन डीलरों को बाजार में बचे रहने के लिये कार बनाने वाली कंपनियों तथा सरकार से तत्काल वित्तीय मदद की आस है। वाहन डीलर इससे पहले से ही वाहन उद्योग में लंबे समय से जारी नरमी तथा बीएस-4 वाहनों के नहीं बिक पाए भंडार के कारण दबाव में थे। अब लॉकडाउन के कारण उनके सामने खाली खजाने के साथ कामगारों को बचाए रखने की चुनौती आ गई है।
इतना ही नहीं कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने लॉकडाउन की समयसीमा बढ़ाकर 3 मई कर दी है। साथ ही साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद व्यवसायकर्ताओं और उद्योगपतियों से अपील की है कि अपने कर्मचारियों के प्रति संवेदनशील रहें और उन्हें काम से न निकालें।
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मौजूदा परिस्थिति की वजह से ऑटोमोबाइल सेक्टर को दोहरी मार पड़ी है। जिसके बाद वह केंद्र सरकार की तरफ निगाहें गड़ाए हुए बैठे हैं और उम्मीद जता रहे है कि सरकार उनकी वित्तीय सहायता करें। इतना ही नहीं ऑटोमोबाइल सेक्टर सरकार के साथ बातचीत कर रही है कि किस तरह कोरोना वायरस से पैदा हुई मुश्किलों का इस सेक्टर पर कम से कम असर पड़े।
2300 करोड़ का हो रहा रोजाना नुकसान
सियाम के अनुमान के अनुसार सार्वजनिक पाबंदी के चलते कारखाने बंद रहने के प्रत्येक दिन पर वाहन उद्योग के 2,300 करोड़ रुपए के कारोबार का नुकसान हो रहा है। लॉकडाउन के चलते प्रोडक्शन नहीं हो पा रहा है। ऊपर से कोरोना की वजह से स्थित दिन प्रतिदिन भयाभय होती जा रही है जिसको देखते हुए केंद्र सरकार ने लॉकडाउन की अवधि बढ़ाकर 3 मई कर दी है। जिसका मतलब साफ है कि अभी फिलहाल 3 मई तक प्रोडक्शन बंद रहेगा।
सियाम के अध्यक्ष राजन वढेरा ने कहा कि मार्च का महीना सभी के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण समय में से एक रहा है। सार्वजनिक पाबंदी की वजह से पिछले हफ्तों में वाहनों की बिक्री और उत्पादन बिल्कुल ठप सा रहा है।
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इस संकट की घड़ी में अब ऑटोमोबाइल सेक्टर भी सरकार से राहत पैकेज की उम्मीद लगाए बैठा है। बता दें कि कोरोना नामक महामारी से 10 हजार से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 10,363 लोग संक्रमित है। जबकि 339 लोगों की मौत हो चुकी है।