By अंकित सिंह | Jan 21, 2022
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए ताल ठोक रही। सभी पार्टियां लगातार जनता से वायदे कर रही हैं। जनता को अपने पक्ष में लाने के लिए अपने घोषणा पत्र में लोकलुभावन मुद्दे को भी शामिल किया जा रहा है। इसके साथ ही अपने सरकार के कामकाज का भी खूब प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। सत्तारूढ़ भाजपा केंद्र की मोदी सरकार तथा राज्य की योगी सरकार के कामकाज का खूब बखान राज्य में कर रही है। अखिलेश यादव भी लगातार समाजवादी पार्टी के शासन के दौरान प्रदेश में हुए कार्यों को गिना रहे हैं और भाजपा पर प्रहार कर रहे हैं। इसके अलावा मायावती के अपने अलग दावे हैं। कुल मिलाकर देखें तो उत्तर प्रदेश की राजनीति फिलहाल दिलचस्प होती दिखाई दे रही है जहां हर पार्टी के अपने अलग-अलग दावे हैं और अलग-अलग बातें हैं। गीत-संगीत और सोशल मीडिया के जरिए भी राजनीतिक दल जनता तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं।
वर्तमान की योगी सरकार की उपलब्धियां
उत्तर प्रदेश में भाजपा लगातार केंद्र सरकार के सफलताओं को गिना रही है। लेकिन इसके साथ ही वह योगी सरकार की भी उपलब्धियां लोगों को गिना रही है। हालांकि उत्तर प्रदेश की जनता का यह भी मानना है कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के नेतृत्व में अपराध में कमी आई है। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दावा करते हैं कि हमारी सरकार का अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस रहा। इतना ही नहीं, भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार के भी मामले कम देखने को मिले हैं। प्रदेश में कानून व्यवस्था स्थापित हुआ है। महिला कल्याण को लेकर भी योगी सरकार लगातार हुंकार भरती है। महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर मिशन शक्ति अभियान प्रारंभ किया गया है जिसके तहत महिला डेस्क की भी स्थापना की गई है।
कोरोना महामारी के दौरान योगी सरकार के कामकाज की भी भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से जमकर प्रशंसा की जा रही है। दावा किया जा रहा है कि वैश्विक संगठन डब्ल्यूएचओ ने भी योगी सरकार की तारीफ की है। रोजगार को लेकर भाजपा का दावा है कि साढ़े चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई है। इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को घर मिला है और साथ ही साथ शौचालय का निर्माण भी कराया गया है। गन्ना किसानों को 1.27 लाख करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया गया है। किसान सम्मान निधि योजना, स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना जैसी योजनाओं को लागू करना भी राज्य सरकार की उपलब्धियों में शामिल है और लोगों को इससे लाभ मिला है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और कानपुर मेट्रो को भी सरकार अपनी उपलब्धि के रूप में गिना रही है।
अखिलेश सरकार की उपलब्धियां
एक बार फिर सत्ता हासिल करने के लिए समाजवादी पार्टी जबरदस्त तरीके से चुनावी मैदान में उतर रही है। अखिलेश यादव के नेतृत्व में 2012 से 2017 तक के समाजवादी पार्टी की सरकार रही है। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता अखिलेश यादव के कामकाज को जनता के बीच खूब गिना रहे हैं। कार्यकर्ताओं की ओर से दावा किया जा रहा है कि अखिलेश यादव ने समाजवादी स्वास्थ्य सेवा का शुभारंभ किया था। इसके तहत प्रदेशवासियों को आपातकालीन एंबुलेंस सेवा निशुल्क उपलब्ध कराया जाता था और स्वास्थ्य सेवा के लिए टोल फ्री नंबर 108 शुरू किया गया था। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे को भी समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता अखिलेश यादव की उपलब्धि बताते हैं। विद्युत को लेकर लगातार अखिलेश यादव का दावा रहता है कि राज्य में उन्होंने कई बिजली परियोजनाओं का शुभारंभ किया है। राज्य में बिजली के सुधार को लेकर उनके सरकार ने कई कदम उठाए थे।
पुलिस के आधुनिकीकरण का भी अखिलेश यादव दावा करते हैं। समाजवादी पार्टी का दावा रहता है कि अखिलेश यादव के ही कार्यकाल में उत्तर प्रदेश पुलिस को आधुनिक तकनीक से लैस किया गया था। इसके तहत लखनऊ, गाजियाबाद और इलाहाबाद में अत्याधुनिक पुलिस नियंत्रण कक्ष भी बनाया गया था। लखनऊ मेट्रो को भी समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता अखिलेश यादव की उपलब्धि बताते हैं। महिला सशक्तिकरण के लिए अखिलेश सरकार में महिला पावर लाइन 1090, रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार, डायल 100 जैसी योजनाओं को शुरू किया गया था। अखिलेश सरकार की उपलब्धियों में समाजवादी पेंशन योजना का भी जिक्र होता है। इसके अलावा यश भारती सम्मान की भी बात कही जाती है।
मायावती की सरकार की उपलब्धियां
बसपा पार्टी के लोगों का यह दावा है कि मायावती की सरकार में उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार मुक्त विकास हुए हैं। इसके साथ ही मायावती ने उत्तर प्रदेश में कानून राज स्थापित किया था। बसपा कार्यकर्ता मायावती को नोएडा जैसे शहर को स्थापित करने का भी श्रेय देते हैं। बसपा कार्यकर्ताओं का यह भी दावा रहता है कि मायावती की सोच का ही नतीजा यमुना एक्सप्रेसवे है। मायावती की सरकार में दलितों के लिए कई योजनाओं को शुरू किया गया था। दलितों के उत्थान के लिए कई काम किए गए थे।