पर्रिकर ने सेना को पुरोहित को दस्तावेज सौंपने के निर्देश दिए

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 21, 2016

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज कहा कि उन्होंने सेना से कहा है कि लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित को सभी दस्तावेज मुहैया कराएं जो उन्होंने मांगे हैं ताकि मालेगांव विस्फोट मामले में वह खुद को निर्दोष साबित कर सकें। पर्रिकर ने कहा कि मामला अदालत में है और वह मामले के गुण-दोष पर निर्णय नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि सेना को उन्होंने पुरोहित द्वारा मांगी गई सभी सूचना देने को कहा है। पुरोहित 2008 के मालेगांव विस्फोट के मुख्य आरोपियों में शामिल हैं।

 

पर्रिकर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘लोगों के शब्द और देशों के नाम के अलावा जो भी दस्तावेज वह चाहते हैं, वह उन्हें दिए जाएं। इसमें ऐसी सूचनाएं शामिल नहीं होंगी जिससे देश की सुरक्षा पर असर पड़ता है या किसी अन्य अधिकारी के नाम शामिल हैं।’’ उन्होंने कहा कि पुरोहित जो कह रहे हैं उसके आधार पर खुद को बेगुनाह साबित करने में सेना को उनकी मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘अंतिम निर्णय अदालत का होना है।’’ पुरोहित ने इस महीने की शुरूआत में पर्रिकर को पत्र लिखकर रैंक के मुताबिक उनका सम्मान बहाल करने का आग्रह किया था।

 

चार अप्रैल को लिखे पत्र में उन्होंने दावा किया कि उन्हें गलत तरीके से मामले में फंसाया गया और अब वह सात वर्ष से ज्यादा समय से जेल में बंद हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा सम्मान, गौरव और रैंक छीन लिया गया और देश की सेवा करने के लिए दंडित किया गया।’’ पुरोहित ने दावा किया कि सेना के जासूस के तौर पर वह सिमी और नक्सलियों के समूहों में घुसे और कहा कि अपने हर अभियान का ब्यौरा उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से साझा किया। पुरोहित ने पहली बार पर्रिकर को पत्र नहीं लिखा है। नवम्बर 2015 में भी उन्होंने उन्हें पत्र लिखकर सेना द्वारा उनके खिलाफ कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की प्रति देने का आग्रह किया था। अंतत: अदालत के हस्तक्षेप से उन्हें कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की प्रति मिली। महाराष्ट्र के मालेगांव में सितम्बर 2008 में दो विस्फोट हुए थे जिसमें सात लोग मारे गए थे।

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