By अनन्या मिश्रा | Aug 12, 2023
आज यानी की 11 अगस्त को परमा या परम एकादशी मनाई जा रही है। इस एकादशी को श्रेष्ठ माना जाता है। बताया जाता है कि सभी एकादशी से यह एकादशी श्रेष्ठ होती है। इस साल 2023 में 11 अगस्त की सुबह 07:42 मिनट पर परमा एकादशी की शुरूआत होगी। हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत का अधिक महत्व होता है। अधिकमास में पड़ने वाली एकादशी का विशेष महत्व होता है। क्योंकि अधिकमास की एकादशी 3 साल में 1 बार आती है। सावन माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी को परमा एकादशी कहते हैं। आइए जानते हैं परमा एकादशी के शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व के बारे में...
क्या है इस पूजा का महत्व
बता दें कि अधिक मास की परमा एकादशी पर भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। परमा एकादशी के दिन जो भी जातक व्रत करते हैं, शीघ्र ही उनकी मनोकामना पूरी होती है। इस दिन व्रत करने और भगवान विष्णु की पूजा से घर में सुख-शांति का वास होता है। मान्यता के अनुसार परमा एकादशी कठिन व्रतों में से एक है। इस दिन लोग निर्जला व्रत भी करते हैं। तो वहीं कुछ लोग सिर्फ चरणामृत ही लेते हैं।
पूजा और पारण
परमा एकादशी के दिन यानी की 12 अगस्त को सुबह 07:28 मिनट से 09:07 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है। वहीं व्रत का पारण अगले दिन 13 अगस्त को सुबह 05:49 मिनट से 08:19 मिनट कर किया जा सकता है।
साल में 24 एकादशी
प्राप्त जानकारी के अनुसार, अधिक मास मलमास में यह पुरुषोत्तम एकादशी होती है। इसका अपने आप में विशेष महत्व होता है। बता दें कि साल में कुल 24 एकादशी होती हैं। लेकिन मलमास के कारण साल में 26 एकादशी भी होती है। वहीं एकादशी के दिन अगर कोई भी व्यक्ति भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा सच्ची श्रद्धा और मन से करता है। तो निश्चय ही उसे जीवन में सुख, शांति मिलती है।
ऐसे करें भगवान विष्णु को प्रसन्न
इस व्रत में पांच दिनों कर पंचरात्रि व्रत का नियम होता है। इस दौरान भक्त पूरी श्रद्धा-भक्ति से भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा करते हैं। इसके बाद ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है और उन्हें दान-दक्षिणा देकर विदा किया जाता है। इस दिन व्रत और पूजा करने से सभी कष्ट दूर होते हैं। इसके अलावा इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु के साथ भगवान भोलेनाथ की पूजा की जाती है।