By अंकित सिंह | Nov 27, 2024
विपक्षी सांसदों के लगातार विरोध के बीच, लोकसभा को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया और गुरुवार, 28 नवंबर को फिर से बैठक होगी। वहीं, विपक्षी सांसदों के हंगामे के कारण संसद के उच्च सदन की कार्यवाही भी दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही नारेबाजी के साथ शुरू हुई, विपक्षी सांसदों ने अडानी रिश्वत मामले और संभल हिंसा को लेकर हंगामा किया। संसद का शीतकालीन सत्र 2024 सोमवार, 25 नवंबर को शुरू हुआ, जिसमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद परिसर में अपना पारंपरिक संबोधन दिया, जिसमें सभी सांसदों से महत्वपूर्ण मुद्दों पर सार्थक चर्चा में शामिल होने का आग्रह किया गया।
विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा की बैठक बुधवार को एक बार के स्थगन के बाद पुन: शुरू होने के करीब 10 मिनट के अंदर दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी। सदन की कार्यवाही आरंभ होने के साथ ही कांग्रेस के सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गए और अदाणी समूह से जुड़े मामले को उठाने का प्रयास करने लगे, वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों ने संभल की घटना को उठाने का प्रयास किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच प्रश्नकाल शुरू कराया।
इस बीच, कांग्रेस और सपा के कई सदस्य आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। बिरला ने आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और प्रश्नकाल चलने देने की अपील की। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के सदस्य अरुण गोविल का उल्लेख करते हुए कहा कि वह पहली बार प्रश्नकाल में प्रश्न पूछ रहे हैं, ऐसे में सदन की कार्यवाही चलने दी जाए। हालांकि, हंगामा नहीं थमा और विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी जारी रही। दोपहर 12 बजे निचले सदन की बैठक फिर शुरू हुई तो पीठासीन सभापति दिलीप सैकिया ने आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवाए। विपक्षी सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। हालांकि, शोर-शराबे के कारण सदन की बैठक दिनभर के स्थगित कर दी गई।
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री की जांच के लिए कानूनों के बारे में बात की। उन्होंने अपमानजनक सामग्री की जांच के लिए कानूनों के संबंध में लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान लोकसभा सदस्य अरुण गोविल द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब दिया।
कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने अदाणी समूह के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग को लेकर बुधवार को राज्यसभा में हंगामा किया, जिसके कारण उच्च सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही सभापति जगदीप धनखड़ ने बताया कि उन्हें अदाणी, मणिपुर हिंसा, संभल हिंसा और दिल्ली में अपराध के बढ़ते मामलों पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत कुल 18 नोटिस मिले हैं। उन्होंने सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए।
जी सी चंद्रशेखर, रणदीप सिंह सुरजेवाला, सैयद नासिर हुसैन, नीरज डांगी और राजीव शुक्ला सहित कांग्रेस के कुछ अन्य सदस्यों ने अन्य प्राधिकरणों के साथ मिलीभगत से अदाणी समूह के कथित भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और वित्तीय अनियमितताओं सहित अन्य कदाचारों की जांच के लिए जेपीसी के गठन के लिए नोटिस दिए थे। सभापति धनखड़ ने सभी नोटिस अस्वीकार करते हुए कहा कि सदस्य इन मुद्दों को अन्य प्रावधानों के तहत उठा सकते हैं। इसके तत्काल बाद कांग्रेस सहित विपक्ष के अन्य सदस्यों ने हंगामा शुरु कर दिया।