By अंकित सिंह | Nov 28, 2024
संसद का शीतकालीन सत्र चौथे दिन में प्रवेश कर गया और गुरुवार को लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही फिर से शुरू हुई। हालांकि, स्थितियां पहले की ही तरह रही। विपक्ष का हंगामा जारी रहा। विपक्ष के हंगामे के बीच संसद शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। बार-बार हंगामे के कारण चौथे दिन भी काम नहीं हो पाया। संसद के शुरुआती दिन काफी हद तक अनुत्पादक रहे क्योंकि विपक्ष के हंगामे के कारण दोनों सदनों को स्थगित कर दिया गया। वहीं, खबर है कि विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर बांग्लादेश की स्थिति पर लोकसभा और राज्यसभा दोनों में कल बयान दे सकते हैं।
केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुईं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने बृहस्पतिवार को निचले सदन की सदस्यता की शपथ ली। शपथ के बाद उन्होंने कहा कि जनता के जरूरी मुद्दों को उठाना, देश और पार्टी के लिए काम करना ही उनकी प्राथमिकता रहेगी तथा वह संविधान के उसूलों के लिए लड़ाई लड़ेंगी। प्रियंका ने हिंदी में शपथ ली और इस दौरान उन्होंने संविधान की एक प्रति अपने हाथ में ले रखी थी। महाराष्ट्र के नांदेड़ से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए कांग्रेस नेता रवींद्र बसंतराव चव्हाण ने भी सदन की सदस्यता की शपथ ली।
लोकसभा में बृहस्पतिवार को कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा) समेत विपक्षी दलों के सदस्यों ने अदाणी समूह से जुड़े मामले तथा उत्तर प्रदेश के संभल में हिंसा के मुद्दे को लेकर हंगामा किया, जिस वजह से सदन की बैठक एक बार के स्थगन के बाद शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच ही, सदन ने वक्फ (संशोधन) विधेयक संबंधी संसद की संयुक्त समिति का प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का समय बजट सत्र, 2025 के आखिरी दिन तक बढ़ाने को मंजूरी दी। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने सदन में हंगामे को लेकर कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में सभी ने मिलकर फैसला किया था कि कौन सा विधेयक आएगा और कब आएगा...जो बाकी मुद्दे हैं उन पर चर्चा का अलग अलग नियम बना हुआ है।
अदाणी समूह के खिलाफ आरोपों पर तत्काल चर्चा कराए जाने की मांग को लेकर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के हंगामे के कारण बृहस्पतिवार को राज्यसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही सभापति जगदीप धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और फिर बताया कि उन्हें अदाणी मुद्दे, मणिपुर के हालात और संभल हिंसा पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत कुल 16 नोटिस मिले हैं। उन्होंने सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए।
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बृहस्पतिवार को कहा कि संसदीय अवरोध कोई समाधान नहीं है बल्कि यह एक रोग है जो देश की नींव को कमजोर करता है और संसद को अप्रासंगिकता की ओर ले जाता है। धनखड़ ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे राज्यसभा की कार्यवाही दोबारा आरंभ हुई।